National Herald ED Action : प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate – ED) ने नेशनल हेराल्ड (National Herald) से जुड़े बहुचर्चित मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) मामले में बड़ा कदम उठाया है। ईडी ने 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों पर कब्जा लेने के लिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (Associated Journals Limited – AJL) के खिलाफ नोटिस जारी किया है। ये संपत्तियां ईडी द्वारा नवंबर 2023 में कुर्क की गई थीं। अब एजेंसी ने दिल्ली (Delhi) स्थित आईटीओ (ITO) इलाके के हेराल्ड हाउस (Herald House), मुंबई (Mumbai) के बांद्रा (Bandra) और लखनऊ (Lucknow) के बिशेश्वर नाथ मार्ग (Bisheshwar Nath Marg) स्थित संपत्तियों पर नोटिस चस्पा कर दिए हैं।
इन नोटिसों में संबंधित संपत्तियों को खाली करने या विशेष रूप से मुंबई की संपत्ति से होने वाली आय (किराया) को ईडी को सौंपने का आदेश दिया गया है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 8 और नियम 5(1) के अंतर्गत की गई है, जो एजेंसी को कुर्क की गई संपत्तियों पर कब्जा लेने की अनुमति देता है। इससे पहले नवंबर में एजेंसी ने इन संपत्तियों को कुर्क किया था और अब अधिकारिक रूप से उन पर नियंत्रण की प्रक्रिया शुरू की गई है।
यह मामला यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (Young Indian Pvt. Ltd – YIL) और एजेएल (AJL) के खिलाफ चल रही जांच का हिस्सा है। नेशनल हेराल्ड अखबार (National Herald Newspaper) AJL द्वारा प्रकाशित किया जाता है और इसका मालिकाना हक YIL के पास है।
इस केस में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नाम प्रमुख रूप से सामने आए हैं। दोनों ‘यंग इंडियन’ में 38-38 प्रतिशत हिस्सेदार हैं। ईडी के मुताबिक, यंग इंडियन और एजेएल की संपत्तियों का इस्तेमाल फर्जी दान (18 करोड़ रुपये), अग्रिम किराए (38 करोड़ रुपये) और फर्जी विज्ञापनों (29 करोड़ रुपये) से अपराध की आय अर्जित करने के लिए किया गया।
इस पूरी प्रक्रिया की नींव 2010 में रखी गई थी जब YIL नामक कंपनी का गठन किया गया। आरोप है कि इस कंपनी ने मात्र 50 लाख रुपये में AJL की 90 करोड़ रुपये की देनदारी खरीद ली और इसके बदले AJL की करोड़ों की संपत्तियों पर नियंत्रण पा लिया। यह मामला राजनीतिक रूप से भी काफी संवेदनशील है क्योंकि इसका संबंध कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से है।
नेशनल हेराल्ड की शुरुआत 1938 में पंडित जवाहरलाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru) ने की थी और इसे एक स्वतंत्रता संग्राम का माध्यम बताया जाता रहा है। वर्तमान में ईडी की ओर से की जा रही यह कार्रवाई न सिर्फ आर्थिक अनियमितताओं को उजागर करती है, बल्कि देश की बड़ी राजनीतिक हस्तियों को कानूनी दायरे में लाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।