बेंगलुरु (Bengaluru), 18 जनवरी (The News Air): कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) और उनकी पत्नी बीएम पार्वती (B.M. Parvathi) पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लगभग 300 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली गई है। यह कार्रवाई मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़ी भूमि आवंटन में अनियमितताओं के आरोपों के बाद की गई है।
ED ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत 142 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच कर दिया है। एजेंसी ने दावा किया है कि इन संपत्तियों को “अवैध रूप से” रियल एस्टेट डीलरों और बेनामी नामों पर स्थानांतरित किया गया।
ED का बड़ा खुलासा : ED ने कहा कि सिद्धारमैया ने अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए MUDA द्वारा अधिग्रहित 3 एकड़ 16 गुंटा भूमि के बदले में अपनी पत्नी बीएम पार्वती के नाम पर 14 साइट्स का मुआवजा लिया।
- जमीन अधिग्रहण की कीमत: ₹3,24,700।
- मुआवजा साइट्स की कीमत: ₹56 करोड़।
- इन साइट्स को “पॉश” इलाकों में आवंटित किया गया, जिससे परिवार को भारी लाभ हुआ।
मुख्यमंत्री का बयान और बचाव : सिद्धारमैया ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि यह विपक्ष की चाल है। उन्होंने कहा: “मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ कोई गलत काम साबित नहीं होगा। विपक्ष मुझसे डरता है और इसीलिए झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।”
सिद्धारमैया की पत्नी पर गंभीर आरोप : ED के अनुसार, सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती को आवंटित की गई साइट्स में तत्कालीन MUDA अधिकारियों की बड़ी भूमिका थी।
- अवैध आवंटन: रियल एस्टेट डीलर्स और अन्य लोगों को “बेहिसाबी” नकदी में साइट्स बेची गईं।
- अनियमित लेनदेन: नकद धनराशि को वैध दिखाने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का सहारा लिया गया।
MUDA अधिकारियों और अन्य पर आरोप : जांच में पाया गया कि पूर्व MUDA आयुक्त डीबी नटेश (D.B. Natesh) और जीटी दिनेश कुमार (G.T. Dinesh Kumar) ने भी रियल एस्टेट डीलर्स को लाभ पहुंचाया।
- संपत्ति और वाहनों की खरीदारी: फर्जी नामों पर खरीदी गई संपत्तियां।
- नकदी और दस्तावेज: छापेमारी के दौरान आपत्तिजनक सबूत बरामद हुए।
राजनीतिक हलचल तेज : यह मामला कर्नाटक की राजनीति में नया भूचाल लेकर आया है। विपक्षी दलों ने सिद्धारमैया पर तुरंत इस्तीफे का दबाव बनाया है। वहीं, मुख्यमंत्री ने जांच में पूरा सहयोग करने का वादा किया है।
सिद्धारमैया पर लगे ये गंभीर आरोप कर्नाटक की राजनीति में उथल-पुथल मचाने वाले हैं। क्या यह मामला सच्चाई की तह तक पहुंचेगा या राजनीति की भेंट चढ़ जाएगा?
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