Edible Oil Price Rise को लेकर एक चिंताजनक खबर सामने आई है। डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की लगातार गिरती कीमत अब सीधे आपकी रसोई पर असर डालने वाली है। भारत अपनी जरूरत का अधिकतर तेल बाहर से Import करता है, इसलिए रुपये की कमजोरी के कारण आने वाले दिनों में खाने के तेल के दाम बढ़ सकते हैं, जिससे आम आदमी का बजट बिगड़ सकता है।
डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर होता जा रहा है और इसने गिरावट के नए Record बना दिए हैं। रुपये ने अब तक के सबसे निचले स्तर को छू लिया है। पिछले 6 महीनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो रुपये में करीब 6% की गिरावट देखने को मिली है। जब रुपया कमजोर होता है, तो विदेशों से सामान Import करना महंगा हो जाता है। इसका सीधा असर अब आपके खाने की थाली पर पड़ने वाला है।
क्यों महंगा होगा तेल?
भारत अपनी जरूरत का लगभग 60% खाने का तेल दूसरे देशों से Import करता है। पिछले साल भारत में 160 टन खाद्य तेल का आयात किया गया था, जिसकी कीमत करीब 1600 करोड़ रुपये थी। चूंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी बनी हुई है और डॉलर महंगा हो गया है, ऐसे में भारत में खाने का तेल महंगा होने की पूरी संभावना है। अगर तेल के दाम बढ़ते हैं, तो इसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा और आने वाले दिनों में महंगाई भी बढ़ सकती है।
त्योहारों में मिली थी राहत
हालांकि, एक राहत की बात यह रही कि पिछले चार-पांच महीनों में, जो कि Festival Season था, उस दौरान विदेशों में कीमतों में कोई बहुत बड़ी तेजी नहीं आई थी। Price काफी हद तक Stable रहे थे। यही वजह रही कि उस दौरान स्थिति को Manage कर लिया गया और उपभोक्ताओं को बहुत ही Reasonable Rate पर खाद्य तेल उपलब्ध रहा। लेकिन अब खाने के तेलों में पहले से ही तेजी का माहौल बना हुआ है।
महंगाई के आंकड़ों पर नजर
खाने के तेल के अलावा अन्य महंगाई दरों में भी बदलाव देखने को मिल सकता है। नवंबर महीने में Retail महंगाई दर में हल्की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। यह 0.25% से बढ़कर 0.71% हो गई है। वहीं, खाद्य महंगाई -5.02% से बढ़कर -3.91% हो गई है। इसके अलावा सब्जी और दालों की महंगाई में भी बढ़ोतरी हुई है। Fuel और बिजली की महंगाई 1.98% से बढ़कर 2.32% हो गई है।
कुछ चीजों में मिली राहत
महंगाई के बीच कुछ क्षेत्रों में राहत भी मिली है। Housing महंगाई 2.96% से घटकर 2.95% हो गई है। इसके अलावा कपड़ा और जूता-चप्पल की महंगाई भी 1.70% से घटकर 1.49% दर्ज की गई है। लेकिन जिस तरह से रुपया कमजोर हो रहा है, उसे देखते हुए खाने के तेल की कीमतों पर खास नजर रखने की जरूरत है।
मुख्य बातें (Key Points)
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भारत अपनी जरूरत का 60% खाने का तेल Import करता है।
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रुपये में पिछले 6 महीनों में 6% की गिरावट आई है।
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अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी है।
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नवंबर में Retail महंगाई दर बढ़कर 0.71% हो गई है।






