नई दिल्ली (New Delhi) 31 जनवरी (The News Air): केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज संसद में Economic Survey 2024-25 पेश किया। इस रिपोर्ट में भारत की GDP ग्रोथ रेट अगले वित्त वर्ष के लिए 6.3% से 6.8% के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (Manufacturing Sector) और कॉरपोरेट इन्वेस्टमेंट (Corporate Investment) में सुस्ती भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकती है।
Economic Survey 2025 की 7 प्रमुख बातें:
1. चालू वित्त वर्ष में धीमी आर्थिक ग्रोथ
सर्वे के मुताबिक, भारत की जीडीपी (GDP) ग्रोथ 6.4% रहने का अनुमान है, जो पिछले 4 वर्षों में सबसे धीमी वृद्धि होगी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और निजी निवेश (Private Investment) में गिरावट के कारण यह सुस्ती देखी जा रही है।
2. कृषि क्षेत्र (Agriculture Sector) की मजबूती जरूरी
रिपोर्ट के अनुसार, एग्रीकल्चर सेक्टर (Agriculture Sector) भारत की सबसे बड़ी ताकत बनी हुई है और यह 5% की ग्रोथ रेट से आगे बढ़ रहा है। भारत भविष्य में फूड सिक्योरिटी (Food Security) के मामले में एक महत्वपूर्ण वैश्विक खिलाड़ी बन सकता है।
3. Disinvestment पर सर्वे की चुप्पी
सरकार की Disinvestment (निजीकरण) नीति पर इस साल के आर्थिक सर्वे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। उम्मीद की जा रही है कि बजट 2025 में इस पर अधिक जानकारी दी जाएगी।
4. IMF का वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global Economy) पर अनुमान
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, वैश्विक अर्थव्यवस्था 2023 में 3.3% की दर से बढ़ी और अगले 5 वर्षों में यह 3.2% की दर से बढ़ने का अनुमान है। भारत इस वैश्विक विकास में प्रमुख योगदानकर्ता बना रहेगा।
5. महंगाई दर (Inflation) नियंत्रण में
कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया भर में महंगाई (Inflation) बढ़ी थी, लेकिन अब धीरे-धीरे यह सामान्य हो रही है। केंद्रीय बैंक (Central Bank) द्वारा ब्याज दरों में कटौती से महंगाई को नियंत्रित किया जा रहा है।
6. वित्तीय क्षेत्र (Financial Sector) में स्थिरता
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय बैंकिंग सेक्टर (Banking Sector) में मजबूती आई है। Gross Non-Performing Assets (GNPA) दर वित्त वर्ष 2018 के उच्चतम स्तर से गिरकर सितंबर 2024 तक 2.6% पर आ गई है।
7. विदेशी निवेश (FDI) में बढ़ोतरी
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) वित्त वर्ष 2025 में 55.6 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो पिछले साल की तुलना में अधिक है। यह दर्शाता है कि वैश्विक निवेशकों का भारत की अर्थव्यवस्था पर विश्वास बढ़ रहा है।
सरकार की रणनीति और आगे का रोडमैप
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार आर्थिक सुधारों और बुनियादी ढांचे (Infrastructure) में निवेश जारी रखेगी। मेक इन इंडिया (Make in India), डिजिटल इंडिया (Digital India) और स्टार्टअप इंडिया (Startup India) जैसे कार्यक्रम भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे।
Economic Survey 2025 भारतीय अर्थव्यवस्था की धीमी लेकिन स्थिर प्रगति को दर्शाता है। हालांकि, मैन्युफैक्चरिंग और इन्वेस्टमेंट ग्रोथ को गति देने की जरूरत है। आगामी Budget 2025 से उम्मीद है कि सरकार इन चुनौतियों को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाएगी।






