Methi Laddu Benefits: सर्दियों की आहट के साथ ही जोड़ों का दर्द और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन आपकी रसोई में मौजूद एक साधारण सी चीज आपको न केवल दर्द से बचा सकती है, बल्कि ऑपरेशन की नौबत भी नहीं आने देगी। आयुर्वेद के जानकारों का दावा है कि मेथी का लड्डू वह शक्ति है जो शरीर को अंदर से फौलादी बना देता है और यह कई गंभीर रोगों का एकमात्र इलाज साबित हो सकता है।
सर्दियों में 3 महीने जरूर खाएं
सर्दियों का मौसम, जो आमतौर पर तीन से चार महीने तक चलता है, सेहत बनाने के लिए सबसे बेहतरीन समय होता है। आयुर्वेद के अनुसार, इन दिनों में हर व्यक्ति को मेथी का लड्डू जरूर खाना चाहिए। इसे बनाने के लिए गाय का घी (तूप), गुड़ और मेथी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। यह मिश्रण शरीर को गर्मी देता है और वात यानी हवा से होने वाले रोगों को जड़ से खत्म करता है। अगर आपके शरीर में वात बढ़ गया है, तो मेथी सबसे अच्छी औषधि है।
घुटने और एड़ी के दर्द का पक्का इलाज
आजकल कम उम्र में ही लोगों को हड्डियों और जोड़ों का दर्द सताने लगा है। चाहे घुटने दुख रहे हों, एड़ियों में दर्द हो, कंधे जकड़ गए हों या रीढ़ की हड्डी (मनके) में तकलीफ हो, यह सब वात के रोग हैं। इन सभी दर्दों के लिए मेथी का दाना अचूक दवा है। इसे खाने का एक और तरीका यह है कि रात को एक चम्मच मेथी दाना एक गिलास पानी में भिगो दें और सुबह उठकर वह पानी पी लें और मेथी को चबा-चबा कर खाएं।
कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज में भी है कारगर
सिर्फ दर्द ही नहीं, मेथी रक्त संबंधी विकारों को भी दूर करती है। अगर किसी का कोलेस्ट्रॉल बढ़ गया है, तो मेथी के दाने में उसे कम करने की अद्भुत ताकत होती है। इसके अलावा, जिन लोगों को डायबिटीज की शिकायत है, उनके लिए भी मेथी का लड्डू अमृत समान माना जाता है। यह शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
सिजेरियन ऑपरेशन से बचने का उपाय
आजकल डॉक्टरों द्वारा सिजेरियन डिलीवरी (C-Section) का चलन बहुत बढ़ गया है, जिसे लेकर वीडियो में गंभीर सवाल उठाए गए हैं। दावा किया गया है कि डॉक्टर अक्सर गर्भवती महिलाओं को डराते हैं कि बच्चा स्वस्थ नहीं है या पैसेज छोटा है, ताकि वे ऑपरेशन करके ज्यादा पैसे कमा सकें। सिजेरियन के बाद महिलाओं को जीवन भर कमर और शरीर के दर्द का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अगर गर्भावस्था के दौरान महिला को मेथी के लड्डू खिलाए जाएं, तो नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ जाती है और ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ती।
गर्भाशय खिसकने की एकमात्र दवा
कई बार ऑपरेशन या अन्य कारणों से महिलाओं का गर्भाशय (Uterus) अपने स्थान से हट जाता है, जिसे ‘यूटरस डिस्प्लेसमेंट’ कहते हैं। डॉक्टर अक्सर इसके लिए गर्भाशय निकालने की सलाह देते हैं, जो शरीर के हार्मोनल बैलेंस को बिगाड़ देता है। आयुर्वेद में माना जाता है कि दुनिया में इसकी सिर्फ एक ही दवा है और वह है मेथी के लड्डू। अगर नियमित रूप से गाय के दूध के साथ मेथी के लड्डू खिलाए जाएं, तो करीब सवा तीन महीने में गर्भाशय वापस अपने स्थान पर आ सकता है।
जानें पूरा मामला
यह जानकारी आयुर्वेद के महत्व और घरेलू नुस्खों की ताकत को दर्शाती है। आधुनिक चिकित्सा पद्धति में जहां सर्जरी और दवाओं का बोलबाला है, वहीं हमारी पारंपरिक चिकित्सा में खान-पान के जरिए ही बड़ी बीमारियों को ठीक करने का दावा किया जाता है। मेथी, जो हर भारतीय घर में पाई जाती है, का सही उपयोग करके वात रोग, प्रसूति संबंधी जटिलताओं और जीवन भर के दर्द से बचा जा सकता है।
मुख्य बातें (Key Points)
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सर्दियों में 3-4 महीने गाय के घी और गुड़ के साथ मेथी के लड्डू खाने से वात रोग दूर होते हैं।
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मेथी का सेवन जोड़ों, घुटनों और कंधे के दर्द के लिए सबसे बेहतरीन औषधि है।
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गर्भावस्था में मेथी के लड्डू खाने से सिजेरियन डिलीवरी से बचा जा सकता है।
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गर्भाशय के अपनी जगह से खिसकने (Uterus Displacement) पर मेथी के लड्डू ही एकमात्र कारगर इलाज बताए गए हैं।






