Earthquake in Pakistan and Jammu & Kashmir : पाकिस्तान (Pakistan) में शनिवार को दोपहर 1 बजे के करीब भूकंप (Earthquake) के तेज़ झटकों ने लोगों को दहला दिया। रिक्टर स्केल (Richter Scale) पर इसकी तीव्रता 5.8 मापी गई और इसका केंद्र पाकिस्तान के 33.63° उत्तर अक्षांश और 72.46° पूर्व देशांतर पर 12 किलोमीटर की गहराई में था। जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) के कई हिस्सों में भी धरती के कंपन की जानकारी मिली है। झटके इतने तेज़ थे कि लोग तुरंत अपने घरों से बाहर की ओर दौड़ने लगे। हालांकि अब तक किसी प्रकार के जान या संपत्ति के नुकसान की सूचना नहीं है।
पाकिस्तान के राष्ट्रीय भूकंपीय निगरानी केंद्र (National Seismic Monitoring Centre, Pakistan) के अनुसार, यह भूकंप दोपहर 12:31 बजे महसूस किया गया, जिसका केंद्र रावलपिंडी (Rawalpindi) से लगभग 60 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में ज़मीन के 12 किलोमीटर नीचे था। झटकों की तीव्रता ने पंजाब (Punjab) के अटक (Attock), चकवाल (Chakwal), मियांवाली (Mianwali) जिलों सहित आस-पास के क्षेत्रों को प्रभावित किया। इसके अतिरिक्त, पेशावर (Peshawar), मर्दन (Mardan), मोहमंद (Mohmand) और खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) के शबकदर (Shabqadar) में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।
पाकिस्तान भूकंप संभावित क्षेत्र में आता है, जहां समय-समय पर अलग-अलग तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं। वर्ष 2005 का भूकंप अब तक का सबसे विनाशकारी था, जिसमें 74,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।
भूकंप क्यों आता है?
भूकंप पृथ्वी की सतह के नीचे मौजूद टेक्टोनिक प्लेट्स (Tectonic Plates) की हलचलों के कारण आता है। ये विशाल चट्टानी प्लेटें लगातार खिसकती रहती हैं और जब ये आपस में टकराती हैं या अलग होती हैं, तो संचित ऊर्जा एक झटके में मुक्त होती है, जिससे धरती में कंपन होता है। यह कंपन जिस बिंदु से उत्पन्न होता है, उसे उद्भव केंद्र (Epicenter) कहा जाता है। कई बार ज्वालामुखी विस्फोट (Volcanic Eruptions), खनन (Mining) या जलाशयों का निर्माण (Reservoir Constructions) भी भूकंप का कारण बन सकते हैं।
भूकंप आने पर क्या करें?
अगर आप घर के अंदर हैं, तो तुरंत किसी मज़बूत फर्नीचर (Furniture) जैसे मेज़ के नीचे छिपें और सिर को ढकें।
खिड़की, कांच, अलमारी या भारी चीज़ों से दूर रहें।
यदि आप बाहर हैं तो बिजली के खंभों, इमारतों और पेड़ों से दूर खुले मैदान में चले जाएं।
अगर गाड़ी में हैं तो उसे सुरक्षित स्थान पर रोककर, वहीं रुकें।
भूकंप के बाद गैस लीक (Gas Leak) या आग की संभावना को जांचें और क्षतिग्रस्त इमारतों से दूर रहें।
हमेशा आपातकालीन किट (Emergency Kit) और जरूरी दस्तावेज तैयार रखें।
पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर में महसूस किए गए इस भूकंप ने एक बार फिर यह साबित किया कि प्राकृतिक आपदाओं से बचाव का एकमात्र रास्ता सतर्कता और तैयार रहना है। फिलहाल किसी बड़ी क्षति की खबर नहीं है, लेकिन ऐसे समय में सजग रहना ही सबसे ज़रूरी है।