Earthquake in Uttarakhand एक बार फिर सुर्खियों में है! गुरुवार रात 7:31 बजे Uttarkashi (उत्तरकाशी) में 2.7 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। पिछले 7 दिनों में यह 7वां भूकंप है, जिससे लोग डरे हुए हैं।
इसी तरह 24 और 25 जनवरी को भी लगातार झटके महसूस किए गए थे। आपदा प्रबंधन विभाग (Disaster Management Authority) के मुताबिक, अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों ने उत्तराखंड (Uttarakhand) को भूकंप के लिए अतिसंवेदनशील क्षेत्र घोषित किया है।
7 दिनों में 7 भूकंप! आखिर क्यों कांप रही है उत्तराखंड की धरती?
✅ गुरुवार (1 फरवरी): 7:31 बजे 2.7 तीव्रता का भूकंप
✅ बुधवार (31 जनवरी): 3:28 बजे 2.7 तीव्रता का भूकंप
✅ 24 जनवरी: 7:41 बजे 2.5 तीव्रता, 8:19 बजे 3.5 तीव्रता, 10:58 बजे एक हल्का झटका
✅ 25 जनवरी: सुबह 5:47 बजे 2.04 तीव्रता, शाम 5:28 बजे हल्का झटका
क्या उत्तराखंड बड़े भूकंप की ओर बढ़ रहा है?
Seismology Experts (भूवैज्ञानिकों) के अनुसार, उत्तराखंड Seismic Zone 4 और 5 में आता है, जो भारत के सबसे भूकंप-संवेदनशील क्षेत्रों में से एक है।
📌 1991 में उत्तरकाशी में आए विनाशकारी भूकंप में 1000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और भारी तबाही मची थी।
📌 2015 में नेपाल में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप ने उत्तर भारत तक असर डाला था।
📌 उत्तराखंड का पहाड़ी क्षेत्र हिमालयन टेक्टोनिक प्लेट्स (Himalayan Tectonic Plates) पर स्थित है, जिससे यह लगातार हल्के झटकों का अनुभव करता है।
भूवैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि बार-बार आने वाले ये हल्के झटके किसी बड़े भूकंप (Mega Earthquake) का संकेत हो सकते हैं।
Uttarakhand में भूकंप से बचाव के लिए क्या करें?
✅ भूकंप के दौरान सुरक्षित जगह पर जाएं (टेबल, मजबूत फर्नीचर के नीचे छिपें)।
✅ खिड़कियों और बिजली के तारों से दूर रहें।
✅ भूकंप के बाद इमारतों से बाहर निकलें और खुले क्षेत्र में रहें।
✅ आपदा प्रबंधन ऐप (Disaster Management Apps) डाउनलोड करें और अलर्ट्स पर नजर रखें।
वैज्ञानिकों की क्या है राय?
IIT Roorkee (आईआईटी रुड़की) के भूकंप वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तराखंड का Dehradun (देहरादून), Uttarkashi (उत्तरकाशी), Chamoli (चमोली), और Pithoragarh (पिथौरागढ़) क्षेत्र सबसे अधिक जोखिम में हैं।
“लगातार झटके यह संकेत देते हैं कि क्षेत्र में ऊर्जा इकट्ठी हो रही है, जिससे भविष्य में बड़ा भूकंप आने की संभावना बढ़ सकती है।”
आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।