E-cigarette ban in Parliament : लोकतंत्र के मंदिर यानी संसद भवन में बुधवार को उस वक्त अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई, जब मर्यादा और नियमों की दुहाई देते हुए एक बेहद गंभीर आरोप लगाया गया। लोकसभा के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही चल रही थी, तभी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद अनुराग ठाकुर ने सदन के अंदर कुछ ऐसा देखा कि वे भड़क गए और सीधे तौर पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसदों पर ई-सिगरेट पीने का आरोप लगा दिया।
‘क्या आपने ई-सिगरेट अलाउ कर दी है?’
हिमाचल प्रदेश से भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने लोकसभा स्पीकर की कुर्सी की ओर मुखातिब होते हुए तीखे सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि जब देश भर में ई-सिगरेट पर पूर्ण प्रतिबंध लगा हुआ है, तो क्या सदन के अंदर इसे अनुमति दे दी गई है? ठाकुर ने टीएमसी सांसदों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ये सांसद पिछले कई दिनों से लगातार सदन में बैठकर ई-सिगरेट पी रहे हैं। उन्होंने स्पीकर से आग्रह करते हुए कहा, “सर, आप चेक करवा लीजिए, ये लोग सदन की मर्यादा तोड़ रहे हैं।”
सदन में मच गया शोर-शराबा
अनुराग ठाकुर के इस आरोप के बाद सदन में तुरंत हंगामा खड़ा हो गया। विपक्षी सांसदों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी, जिससे माहौल और गरमा गया। शोर-शराबे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मामले को संभाला। उन्होंने सभी सदस्यों से शांति बनाए रखने की अपील की और संसदीय परंपराओं का हवाला दिया। स्पीकर ने स्पष्ट कहा कि हमें नियमों का पूरा पालन करना चाहिए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “अगर ऐसा कोई भी विषय मेरे संज्ञान में आएगा, तो मैं निश्चित रूप से उस पर कार्रवाई करूंगा।”
आखिर क्या है यह ई-सिगरेट?
इस विवाद के बाद हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर यह ई-सिगरेट है क्या? दरअसल, ई-सिगरेट (Electronic Cigarette) जिसे ‘वेप’ (Vape) भी कहा जाता है, एक बैटरी से चलने वाला इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है। यह दिखने में असली सिगरेट जैसा हो सकता है, लेकिन इसमें तंबाकू को जलाया नहीं जाता। इसके अंदर एक लिक्विड (E-liquid) भरा होता है, जिसे एक हीटिंग कॉइल गर्म करती है। गर्म होने पर यह लिक्विड भाप में बदल जाता है, जिसे यूजर सांस के जरिए अंदर खींचता है।
धुआं नहीं, सिर्फ भाप और निकोटीन
ई-सिगरेट में जलने की प्रक्रिया नहीं होती, इसलिए इससे धुआं नहीं निकलता बल्कि सफेद भाप निकलती है। ज्यादातर ई-सिगरेट के लिक्विड में निकोटीन, प्रोपिलीन ग्लाइकॉल, वेजिटेबल ग्लिसरीन और अलग-अलग फ्लेवर्स (जैसे मेंथोल, फ्रूट्स, चॉकलेट, पान मसाला) मिले होते हैं। यह निकोटीन और फ्लेवर सीधे यूजर के ब्लड में पहुंच जाता है। चूंकि इसमें से धुआं नहीं निकलता और गंध भी बहुत कम होती है, इसलिए इसे छिपकर पीना आसान होता है।
जानें पूरा मामला
भारत में ई-सिगरेट का निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन पूरी तरह से अवैध है। केंद्र सरकार ने 18 सितंबर 2019 को एक अध्यादेश जारी करके पूरे देश में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगा दिया था। अनुराग ठाकुर का तर्क यही था कि जब देश के सामान्य नागरिकों के लिए यह प्रतिबंधित है, तो कानून बनाने वाले सांसद सदन के भीतर इसका इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में टीएमसी सांसदों पर ई-सिगरेट पीने का आरोप लगाया।
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स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि संज्ञान में आने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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भारत में साल 2019 से ई-सिगरेट पर पूर्ण प्रतिबंध लागू है।
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ई-सिगरेट बैटरी से चलती है और धुएं की जगह भाप बनाती है।






