चंडीगढ़, 27 दिसंबर (राज) पंजाब में नशीले पदार्थों और संगठित अपराधों के नेटवर्कों के विरुद्ध निर्णायक कदम उठाते हुए, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि पंजाब निर्णायक जीत की ओर बढ़ रहा है, क्योंकि पिछले साढ़े तीन वर्षों में 85,418 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, एन डी पी एस ( नारकोटिक्स ड्रग्स ऐंड साइकोटोपिक सबसंटेंस) एक्ट अधीन सज़ा दर 88 प्रतिशत रही है और 1 जनवरी,2025 से अब तक 916 गैंगस्टरों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस विभाग की कारगुजारी की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एनफोर्समेंट कठोर जांच और जीरो राजनीतिक हस्तक्षेप के भूमि स्तर पर परिणाम सामने आ रहे हैं,जो नशों के खतरे विरुद्ध पंजाब की लंबी जंग में बयानबाजी की बजाय ठोस कार्रवाई की तरफ स्पष्ट तब्दीली को दर्शाते हैं।
आज यहां मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से उनकी सरकार सत्ता में आई है, नशा तस्करों के खिलाफ 63,053 मामले दर्ज किए गए हैं। भगवंत सिंह मान ने बताया कि वर्ष 2025 में ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ मुहिम शुरू होने के बाद से पुलिस ने 30,144 एफआईआर दर्ज की हैं और 40,302 तस्करों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि इस खतरे के खिलाफ यह अपनी तरह का अनूठा अभियान 1 मार्च 2025 को शुरू किया गया था, जो नशों की रोकथाम में काफी हद तक सफल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नशों से निपटने के लिए तीन सिद्धांतों—इन्फोर्समेंट, नशा मुक्ति और रोकथाम—पर आधारित बहुआयामी रणनीति तैयार की गई थी, जिसके परिणाम अत्यंत उत्साहजनक रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत नशा सप्लाई करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई और तस्करी के नेटवर्क को तोड़ा गया। पिछले साढ़े तीन वर्षों में 5,119.94 किलोग्राम हेरोइन, 3,458.53 किलोग्राम अफीम, 5.82 किलोग्राम कोकीन, 82.04 किलोग्राम आइस, 4.98 करोड़ कैप्सूल तथा 52.46 करोड़ रुपये की ड्रग मनी बरामद की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 से राज्य ने नशों के खिलाफ लड़ाई को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है, जिसके तहत व्यापक, निरंतर और परिणामोन्मुखी दृष्टिकोण अपनाया गया है। इसमें इन्फोर्समेंट, तकनीक आधारित पुलिसिंग, सजा सुनिश्चित करना, जन भागीदारी और पुनर्वास शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) इस रणनीति को लागू करने में अग्रणी रही है और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन्फोर्समेंट के प्रयास अब छोटे स्तर की बरामदगी से आगे बढ़कर वाणिज्यिक मात्रा के मामलों और संगठित तस्करी नेटवर्क के खिलाफ लक्षित कार्रवाई में तब्दील हो गए हैं, जिससे नशा आपूर्ति की ऊपरी कड़ियों को तोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय जांच के माध्यम से भी अहम परिणाम सामने आए हैं, क्योंकि अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों की जब्ती के लिए 1,400 से अधिक मामले सामने आए हैं। वर्ष 2022 से 2025 के दौरान 2,730 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां जब्त की गई हैं। उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट संदेश गया है कि पंजाब में नशीले पदार्थों के अपराध से कमाई की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जांच की गुणवत्ता और मजबूत कानूनी पैरवी के परिणामस्वरूप अदालतों द्वारा 25,000 से अधिक एनडीपीएस मामलों का निपटारा किया गया, जिनमें 21,600 से अधिक सजाएं सुनाई गईं। कुल सजा दर लगभग 84 प्रतिशत रही, जो लगातार बेहतर हो रही है और 2025 में यह दर लगभग 88 प्रतिशत तक पहुंच गई है। यह मजबूत केस तैयारी और फॉरेंसिक सहयोग को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि पीएआईएस आधारित विश्लेषण, तकनीकी सेल, डिजिटल फॉरेंसिक और खुफिया जानकारी साझा करने के माध्यम से तकनीकी क्षमता को काफी मजबूत किया गया है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि ‘सेफ पंजाब व्हाट्सऐप चैटबॉट’ एक प्रमुख नागरिक-भागीदारी पहल के रूप में उभरा है, जिसके माध्यम से लगभग 30,000 कार्रवाई योग्य सूचनाएं, 11,000 से अधिक एफआईआर और लगभग 14,000 गिरफ्तारियां हुई हैं। इसकी सजा योग्य दर लगभग 38 प्रतिशत है, जो प्रभावी प्रतिक्रिया प्रणाली को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ड्रोन आधारित नशा तस्करी से निपटने की क्षमता में भी उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिसके परिणामस्वरूप हाल के वर्षों में सैकड़ों ड्रोन बरामद किए गए हैं और वर्ष 2025 में ड्रोनो की गतिविधियों को रोकने में अहम मदद मिली है।
गैंगस्टरों के खिलाफ कार्रवाई का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि 1 जनवरी से 17 दिसंबर तक पंजाब पुलिस ने 916 गैंगस्टरों को गिरफ्तार किया है, 13 को मुठभेड़ों में ढेर किया गया, 389 मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया और 594 हथियार बरामद किए गए हैं।






