Vice President of India Oath Ceremony : भारत (India) ने शुक्रवार को अपना नया उपराष्ट्रपति पाया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु (Droupadi Murmu) ने आज 12 सितंबर 2025 को राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) के गणतंत्र मंडप (Republic Mandap) में आयोजित भव्य समारोह में सी. पी. राधाकृष्णन (C.P. Radhakrishnan) को देश के उपराष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर देशभर के प्रमुख राजनीतिक नेता, गणमान्य हस्तियां और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

शपथ ग्रहण समारोह का माहौल : गणतंत्र मंडप में आयोजित यह कार्यक्रम पूरी गरिमा और परंपरा के साथ संपन्न हुआ। राष्ट्रपति मुर्मु ने राधाकृष्णन को संविधान के प्रति निष्ठा और कर्तव्यों के पालन की शपथ दिलाई। इसके साथ ही वह देश के संवैधानिक ढांचे में उपराष्ट्रपति के तौर पर अपनी भूमिका निभाने लगे।
उपराष्ट्रपति पद का महत्व : भारत के उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है। वे राज्यसभा (Rajya Sabha) के सभापति भी होते हैं। इस पद की जिम्मेदारी केवल औपचारिक नहीं बल्कि संसदीय कार्यप्रणाली और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सुचारू संचालन में अहम होती है। राधाकृष्णन के उपराष्ट्रपति बनने के बाद अब राज्यसभा में उनकी अध्यक्षता में संसद की कार्यवाही चलेगी।

राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर : सी. पी. राधाकृष्णन लंबे समय से भारतीय राजनीति से जुड़े हुए हैं। वे विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक भूमिकाओं में सक्रिय रहे हैं और कई दशकों से जनता से जुड़े मुद्दों को उठाते आए हैं। उनकी साफ-सुथरी छवि और जनसेवा के प्रति समर्पण को देखते हुए उन्हें इस अहम संवैधानिक जिम्मेदारी के लिए चुना गया।

भारत में उपराष्ट्रपति का चुनाव संविधान द्वारा तय प्रक्रिया के तहत होता है। राष्ट्रपति द्वारा दिलाई गई शपथ के बाद ही कोई व्यक्ति औपचारिक रूप से उपराष्ट्रपति का पदभार संभालता है। यह पद न केवल कार्यपालिका और विधायिका के बीच सेतु का काम करता है बल्कि लोकतंत्र की मजबूती में भी बड़ी भूमिका निभाता है। सी. पी. राधाकृष्णन की नियुक्ति देश के राजनीतिक परिदृश्य में नई दिशा देने वाली मानी जा रही है।






