नई दिल्ली, 03 जनवरी (The News Air): केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने वाईएसआर कडप्पा जिले के मोरागुडी गांव में महिलाओं के नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास” के विजन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की दिशा में अग्रसर कर रहे हैं।
महिलाओं के नेतृत्व वाले समूह: डॉ. सिंह ने इन एसएचजी के प्रयासों की सराहना की, जो वित्तीय साक्षरता, खाद्य प्रसंस्करण, और बाजरा आधारित उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा देकर ग्रामीण महिलाओं को सक्षम बना रहे हैं। उन्होंने पीएमएफएमई योजना और सीडैप जैसे कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए कहा कि ये योजनाएं महिलाओं को कौशल विकास और उद्यमिता के अवसर प्रदान कर रही हैं।
स्कूली बच्चों के लिए पोषण और शिक्षा: डॉ. सिंह ने मोरागुडी के जिला परिषद हाई स्कूल में केंद्रीय रसोई की आधारशिला रखी। यह रसोई स्कूली बच्चों के मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए बनाई जा रही है। उन्होंने क्षेत्र की बुनियादी सुविधाओं, जैसे सड़कें, स्वच्छ पेयजल, और आवास की प्रगति का भी निरीक्षण किया।
गंडिकोटा का पर्यटन विकास: अपनी यात्रा के दौरान, डॉ. सिंह ने गंडिकोटा का दौरा किया, जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। उन्होंने इसे एक प्रमुख विरासत स्थल के रूप में विकसित करने की योजना पर चर्चा की। उनका मानना है कि पर्यटन क्षेत्र का विकास रोजगार और आर्थिक अवसर बढ़ाने के साथ-साथ स्थानीय इतिहास और संस्कृति को संरक्षित करेगा।
समावेशी विकास की दिशा में कदम: डॉ. सिंह ने आकांक्षी जिला कार्यक्रम (एडीपी) की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम वाईएसआर कडप्पा जैसे पिछड़े जिलों को देश के शीर्ष जिलों के बराबर लाने में मदद कर रहा है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री के नेतृत्व में समावेशी और प्रगतिशील भारत का सपना साकार हो रहा है।”
समाज के लिए नई उम्मीद: डॉ. सिंह की यह यात्रा वाईएसआर कडप्पा के समग्र विकास की दिशा में एक नई उम्मीद लेकर आई है। महिलाओं के सशक्तिकरण, शिक्षा, बुनियादी ढांचे और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में उनकी पहल से जिले को एक नए युग की ओर अग्रसर करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।