Maharashtra Political Tension के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने एक बड़ा बयान देकर सियासी हलचल मचा दी है। हाल ही में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के साथ अनबन की अटकलों के बीच शिंदे ने दो टूक कहा है कि उन्हें हल्के में न लिया जाए। उन्होंने साफ कर दिया कि जो भी इसे समझना चाहता है, वह समझ ले।
शिंदे बनाम फडणवीस – अनबन की अटकलें क्यों?
एनडीए (NDA) सरकार के गठन के बाद से ही महाराष्ट्र में शिंदे और फडणवीस के बीच टकराव की खबरें सामने आती रही हैं। कई बार शिंदे ने अहम सरकारी कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं लिया और अपने पैतृक गांव चले गए, जिससे इन अटकलों को और हवा मिली। इसके अलावा, BMC सरकार द्वारा उनके 1400 करोड़ रुपये के टेंडर को खारिज करना भी इस विवाद की एक बड़ी वजह बन गया।
“2022 में भी कर दी थी सत्ता की उलटफेर” – Shinde का इशारा
शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में शिंदे ने कहा, “जो लोग मुझे हल्के में लेते हैं, वे याद रखें कि मैंने 2022 में सत्ता को पलट दिया था। तब मैंने आम लोगों की सरकार बनाई और डबल इंजन सरकार (Double Engine Government) चलाई। उस समय कहा था कि मैं और देवेंद्र जी 200 से ज्यादा सीटें लाएंगे, और हमने 232 सीटें जीत लीं। इसलिए जिसे समझना है, वह समझ ले।”
Sharad Pawar पर बयान, विपक्ष को दिया जवाब
हाल ही में दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में शरद पवार (Sharad Pawar) द्वारा सम्मानित किए जाने पर भी शिंदे ने विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मैं काम करता रहूंगा, चाहे कोई भी कितना जले। पवार साहब ने पुरस्कार दिया, लेकिन कुछ लोग जलन में हैं। मैं बाला साहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) और दिघे साहेब (Dighe Saheb) का कार्यकर्ता हूं। जब तक जनता मेरे साथ है, मुझे कोई चिंता नहीं है।”
‘Sharad Pawar हमारे मार्गदर्शक’ – Sanjay Raut का नया रुख
इसी बीच, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने शरद पवार की तुलना मराठा सेनापति महादजी शिंदे (Mahadji Shinde) से की। उन्होंने कहा कि पवार वह नेता हैं जिन्हें महाराष्ट्र दिल्ली में देखना चाहता है। गौरतलब है कि पवार ने ही एकनाथ शिंदे को पुणे में महादजी शिंदे पुरस्कार से सम्मानित किया था।