Donald Trump Immigration Ban अमेरिका में एक बार फिर प्रवासियों की एंट्री को लेकर नियम बेहद सख्त होने जा रहे हैं। वॉशिंगटन में हुई गोलीबारी की एक घटना के बाद, जिसमें एक अफगानी नागरिक ने दो नेशनल गार्ड्स की जान ले ली, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कड़ा रुख अपना लिया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि वह अमेरिका में विदेशियों के प्रवेश को मुश्किल बनाने के लिए एक पुराने और शक्तिशाली कानून का इस्तेमाल करने वाले हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर इमिग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट के सेक्शन 212(एफ) का जिक्र किया है और इसे लागू करने की अपनी मंशा जाहिर की है। इस कदम से अमेरिका में विदेशियों, खासकर ‘तीसरी दुनिया’ के कहे जाने वाले देशों के नागरिकों के लिए नो-एंट्री जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।
क्या है इमिग्रेशन एक्ट का सेक्शन 212(एफ)?
राष्ट्रपति ट्रंप जिस कानून का सहारा लेने जा रहे हैं, वह उन्हें असीमित अधिकार देता है। इमिग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट का सेक्शन 212(एफ) अमेरिकी राष्ट्रपति को यह संवैधानिक शक्ति देता है कि अगर उन्हें लगता है कि किसी भी विदेशी नागरिक या नागरिकों के समूह का अमेरिका में प्रवेश देश के हितों के खिलाफ है, तो वह उनकी एंट्री पर रोक लगा सकते हैं।
यह रोक तब तक प्रभावी रह सकती है, जब तक राष्ट्रपति को इसकी जरूरत महसूस हो। ट्रंप ने अपने पोस्ट में यह भी लिखा है कि इतिहास में इस वक्त अमेरिका में विदेशियों की संख्या सबसे ज्यादा है और इसे रोकने के लिए अब सख्त कदम उठाने ही होंगे।
‘तीसरी दुनिया’ के देशों पर क्यों भड़के ट्रंप?
ट्रंप का गुस्सा खास तौर पर उन देशों पर है जिन्हें ‘तीसरी दुनिया’ या ‘थर्ड वर्ल्ड’ कहा जाता है। यह शब्द कोल्ड वॉर (शीत युद्ध) के दौरान सामने आया था। उस समय दुनिया तीन हिस्सों में बंटी थी- ‘फर्स्ट वर्ल्ड’ (अमेरिका और पश्चिमी देश), ‘सेकंड वर्ल्ड’ (सोवियत संघ और कम्युनिस्ट देश) और ‘थर्ड वर्ल्ड’ (वे अविकसित और पिछड़े देश जो किसी गुट में शामिल नहीं थे)।
ट्रंप प्रशासन का मानना है कि ‘तीसरी दुनिया’ के देशों से आए प्रवासियों की वजह से अमेरिका का माहौल खराब हो रहा है और अमेरिकी नागरिकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
इन देशों के लोगों की एंट्री पर लटकी तलवार
ट्रंप प्रशासन ने साफ किया है कि वह चिंताजनक स्थिति वाले देशों से आए प्रवासियों के ग्रीन कार्ड की फिर से समीक्षा करेगा। नई नीति के तहत, 27 नवंबर 2025 के बाद दायर किए गए या लंबित सभी अनुरोधों पर कड़े नियम लागू होंगे।
चिंता की बात यह है कि ट्रंप ने जिन देशों को अपनी ‘यात्रा प्रतिबंध’ सूची में डाला है, उनमें भारत का नाम नहीं है, लेकिन कई अन्य देश शामिल हैं। इन देशों में अफगानिस्तान, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, यमन, वेनेजुएला, म्यांमार, लाओस, क्यूबा, हैती और कई अफ्रीकी देश शामिल हैं।
अमेरिकी नागरिकता एवं आप्रवासन सेवा (USCIS) के निदेशक जोसेफ एडलो ने भी साफ कर दिया है कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और अमेरिकी जनता पिछली सरकारों की लापरवाही भरी नीतियों की कीमत नहीं चुकाएगी। अब देखना यह होगा कि ट्रंप का यह फैसला कितनी सख्ती से लागू होता है और इसका अमेरिका और दुनिया भर में क्या असर पड़ता है।
मुख्य बातें (Key Points)
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वॉशिंगटन में अफगानी नागरिक द्वारा दो नेशनल गार्ड्स की हत्या के बाद ट्रंप ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया है।
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राष्ट्रपति ट्रंप इमिग्रेशन एक्ट के सेक्शन 212(एफ) का इस्तेमाल कर विदेशियों की एंट्री पर रोक लगाने की तैयारी में हैं।
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यह कानून राष्ट्रपति को किसी भी विदेशी की एंट्री रोकने का असीमित अधिकार देता है।
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ट्रंप का निशाना ‘तीसरी दुनिया’ के देश हैं; भारत सूची में नहीं है, लेकिन ईरान, अफगानिस्तान, वेनेजुएला जैसे कई देश शामिल हैं।






