US Ambassadors Recalled : डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी कूटनीति में एक बड़े और निर्णायक बदलाव की शुरुआत कर दी है। ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति को केंद्र में रखते हुए, दुनिया भर के करीब 30 देशों में तैनात अमेरिकी राजदूतों को वापस स्वदेश बुलाने का आदेश जारी किया गया है। इस कदम को अमेरिकी विदेश नीति का ‘रिसेट’ बटन दबाने के रूप में देखा जा रहा है।
प्रशासनिक अधिकारियों ने इस बड़े फैसले की पुष्टि करते हुए बताया कि यह प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस कदम का मुख्य उद्देश्य अमेरिकी कूटनीति को राष्ट्रपति ट्रंप के ‘अमेरिका फर्स्ट’ एजेंडे के अनुरूप पूरी तरह से ढालना है।
‘बर्खास्तगी नहीं, नई जिम्मेदारी’
इस फैसले से जिन राजदूतों पर असर पड़ा है, उनके बारे में अधिकारियों ने एक महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने साफ किया कि इन राजदूतों को ‘बर्खास्त’ नहीं किया जा रहा है, बल्कि उन्हें वापस बुलाकर अमेरिकी विदेश विभाग (स्टेट डिपार्टमेंट) के भीतर ही अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी।
यह कदम दर्शाता है कि ट्रंप प्रशासन मौजूदा राजनयिकों के अनुभव का इस्तेमाल नई भूमिकाओं में करना चाहता है, जबकि विदेशों में अमेरिका का प्रतिनिधित्व करने के लिए नए चेहरों को मौका मिल सकता है, जो राष्ट्रपति के विजन से पूरी तरह मेल खाते हों।
अफ्रीका और एशिया पर सबसे ज्यादा असर
वापस बुलाए जा रहे राजदूतों की सूची में सबसे ज्यादा नाम अफ्रीका और एशिया महाद्वीपों में तैनात राजनयिकों के हैं। यह एक रणनीतिक बदलाव का संकेत है, जिसका सीधा असर इन क्षेत्रों के साथ अमेरिका के रिश्तों और प्राथमिकताओं पर पड़ सकता है।
वरिष्ठ संपादक का विश्लेषण: एक नए युग की शुरुआत?
एक वरिष्ठ पत्रकार के नजरिए से, यह फैसला केवल एक प्रशासनिक फेरबदल नहीं है। यह अमेरिकी विदेश नीति के संचालन के तरीके में एक बुनियादी बदलाव का संकेत है। एक साथ इतनी बड़ी संख्या में राजदूतों को वापस बुलाना, विशेषकर अफ्रीका और एशिया जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों से, स्पष्ट करता है कि ट्रंप प्रशासन अपनी प्राथमिकताओं को फिर से निर्धारित कर रहा है। इसका सीधा असर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अमेरिका की भूमिका और विभिन्न देशों के साथ उसके द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ेगा। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि इन खाली पदों पर किनकी नियुक्ति होती है और वे ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति को कैसे आगे बढ़ाते हैं।
जानें पूरा मामला
यह कदम डोनाल्ड ट्रंप के उस व्यापक एजेंडे का हिस्सा है जिसके तहत वे अमेरिकी प्रशासन के हर पहलू में ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति को लागू करना चाहते हैं। विदेश नीति भी इससे अछूती नहीं है। प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक, यह बदलाव अमेरिकी कूटनीति को राष्ट्रपति के विजन के साथ पूरी तरह से संरेखित (align) करने के लिए किया जा रहा है।
मुख्य बातें (Key Points)
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ट्रंप प्रशासन ने करीब 30 अमेरिकी राजदूतों को वापस बुलाने की प्रक्रिया शुरू की है।
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यह कदम राष्ट्रपति ट्रंप के ‘अमेरिका फर्स्ट’ एजेंडे के तहत उठाया गया है।
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वापस बुलाए गए राजदूतों को बर्खास्त नहीं किया जाएगा, बल्कि स्टेट डिपार्टमेंट में नई जिम्मेदारियां दी जाएंगी।
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सबसे ज्यादा असर अफ्रीका और एशिया में तैनात राजदूतों पर पड़ा है।






