Autophagy Cancer Cure से जुड़ी चर्चा इन दिनों जोरों पर है, लेकिन सेहत की दुनिया में और भी बहुत कुछ घट रहा है। अगर आप 5 मिनट चलने पर ही थक जाते हैं, हाथ-पैरों में दर्द रहता है या फिर सर्दियों में क्या खाएं इसे लेकर कन्फ्यूज हैं, तो यह खबर आपके लिए ही है। यहां हम मांसपेशियों की कमजोरी के कारणों से लेकर सोनाली बेंद्रे के वायरल दावे और सर्दियों के बेस्ट स्नैक्स तक, हर जरूरी बात बता रहे हैं।
मणिपाल हॉस्पिटल्स, रांची के ऑर्थोपेडिक कंसल्टेंट डॉ. अभिनव मिश्रा बताते हैं कि अगर आप 5 मिनट चलने पर थक जाते हैं, ज्यादा देर खड़े नहीं हो पाते या सामान उठाने में मुश्किल होती है, तो यह समय से पहले मांसपेशियां कमजोर होने की निशानी है। यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है और इसके कई कारण हैं।
समय से पहले क्यों कमजोर हो रही हैं मांसपेशियां?
मांसपेशियों में कमजोरी या ‘मसल वीकनेस’ के पीछे न्यूट्रिशनल डेफिशिएंसी, उम्र के साथ होने वाला सार्कोपीनिया (मसल्स का कम होना) और इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस जैसे कारण हो सकते हैं। इसके अलावा, डिहाइड्रेशन, नसों पर दबाव, फ्लू जैसे इन्फेक्शन या डायबिटीज और रूमेटाइड अर्थराइटिस जैसी पुरानी बीमारियां भी मसल्स को तोड़ सकती हैं। कई बार कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं (Statins), कीमोथेरेपी ड्रग्स और स्टेरॉइड्स के साइड इफेक्ट से भी यह समस्या होती है। डॉ. मिश्रा के अनुसार, इसकी पहचान के लिए ब्लड टेस्ट, एमआरआई, नर्व कंडक्शन स्टडी या ईएमजी (EMG) जैसे टेस्ट कराए जाते हैं। मेडिकल रिसर्च काउंसिल की ‘एमआरसी ग्रेडिंग’ (0 से 5) के जरिए डॉक्टर यह तय करते हैं कि मसल्स में कितनी जान बची है। सही खानपान, एक्सरसाइज और समय पर इलाज से इसे रोका जा सकता है।
ऑटोफेजी और कैंसर: सोनाली बेंद्रे के दावे पर विवाद
21 नवंबर 2025 को एक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे ने ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट किया, जिससे मेडिकल जगत में बवाल मच गया। सोनाली ने दावा किया कि 2018 में कैंसर के दौरान उन्होंने ‘ऑटोफेजी’ (Autophagy) को अपने रूटीन में शामिल किया, जिससे उन्हें काफी फायदा हुआ। इस पर ‘द लिवर डॉक’ के नाम से मशहूर डॉ. सिरियाक एबी फिलिप्स ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सोनाली का ठीक होना न्यूयॉर्क में हुए सही मेडिकल इलाज (कीमोथेरेपी, सर्जरी) का नतीजा था, न कि सिर्फ ऑटोफेजी का। लिवर डॉक का कहना है कि ऐसे दावे अन्य मरीजों को गुमराह कर सकते हैं।
क्या वाकई कैंसर को मार सकती है ऑटोफेजी?
मैक्स हॉस्पिटल, नई दिल्ली के डॉ. कुमारदीप दत्त चौधरी समझाते हैं कि ऑटोफेजी का मतलब है ‘सेल्स की सेल्फ क्लीनिंग’। यह शरीर की एक नेचुरल प्रक्रिया है जिसमें सेल्स अपने अंदर के खराब प्रोटीन और डेड हिस्सों को रिसाइकिल करके खुद को हेल्दी बनाते हैं। जब हम फास्टिंग (उपवास) करते हैं, तो यह प्रोसेस तेज हो जाता है। कुछ थ्योरीज कहती हैं कि यह डीएनए डैमेज को रोककर कैंसर का रिस्क कम कर सकता है और कीमोथेरेपी के असर को बढ़ा सकता है। लेकिन डॉ. चौधरी आगाह करते हैं कि कैंसर हो जाने के बाद ऑटोफेजी उल्टा असर भी कर सकती है। यह कैंसर सेल्स को जिंदा रहने के लिए एनर्जी दे सकती है और उन्हें इलाज के खिलाफ मजबूत बना सकती है। अभी तक साइंस ने यह साबित नहीं किया है कि सिर्फ ऑटोफेजी या फास्टिंग से कैंसर ठीक हो सकता है।
सर्दियों में खाएं ये 3 टेस्टी और हेल्दी स्नैक्स
आर्टिमिस हॉस्पिटल्स की डायटेटिक्स हेड डॉ. शबाना परवीन ने सर्दियों के लिए तीन बेहतरीन स्नैक्स बताए हैं जो स्वाद और सेहत दोनों का खजाना हैं।
1. गुड़ और तिल की चिक्की: तिल और गुड़ दोनों ही सर्दियों के सुपरफूड हैं। गुड़ हीमोग्लोबिन बढ़ाता है, जबकि तिल हड्डियों को मजबूत करता है और स्किन को ग्लोइंग बनाता है। डायबिटीज के मरीज इसे डॉक्टर की सलाह पर ही खाएं।
2. मखाना, चना और मूंगफली क्रंच: थोड़े से तेल में मखाने, मूंगफली और चने को भूनकर इसमें मसाले मिलाएं। मखाने में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द में आराम देते हैं, वहीं चना और मूंगफली प्रोटीन व फाइबर से भरपूर होते हैं जो पेट को लंबे समय तक भरा रखते हैं।
3. खजूर एनर्जी बॉल्स: खजूर, बादाम, काजू, पिस्ता और तिल को मिलाकर बनाए गए ये लड्डू इंस्टेंट एनर्जी देते हैं। इनमें मौजूद नेचुरल शुगर और हेल्दी फैट्स सर्दियों में शरीर को अंदर से गर्म रखते हैं और इम्युनिटी बढ़ाते हैं।
जानें पूरा मामला
यह चर्चा तब शुरू हुई जब एक ही एपिसोड में सेहत से जुड़े तीन अहम पहलुओं पर बात की गई। एक तरफ युवाओं में बढ़ती मांसपेशियों की कमजोरी चिंता का विषय है, तो दूसरी तरफ सेलिब्रिटी द्वारा मेडिकल सलाह देना विवाद का कारण बन गया। सोनाली बेंद्रे ने सफाई दी कि उन्होंने अपना निजी अनुभव साझा किया था, लेकिन डॉक्टर्स का मानना है कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में सिर्फ वैज्ञानिक इलाज पर ही भरोसा करना चाहिए। वहीं, सर्दियों में गलत खानपान से बचने के लिए डॉक्टर्स ने घर पर बने हेल्दी विकल्पों को चुनने की सलाह दी है।
मुख्य बातें (Key Points)
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5 मिनट चलने पर थकान होना मांसपेशियों के समय से पहले कमजोर होने का संकेत हो सकता है।
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सोनाली बेंद्रे ने कैंसर रिकवरी का क्रेडिट ‘ऑटोफेजी’ को दिया, जिस पर डॉक्टर्स ने आपत्ति जताई है।
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डॉक्टर्स के मुताबिक, कैंसर होने के बाद ‘ऑटोफेजी’ कैंसर सेल्स को मदद भी पहुंचा सकती है।
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सर्दियों में हेल्दी रहने के लिए गुड़-तिल की चिक्की और मखाना मिक्स जैसे घर के बने स्नैक्स खाएं।






