नई दिल्ली, 05 अगस्त (The News Air): हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 9 अगस्त, शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन नागदेवता की पूजा मुख्य रूप से की जाती है। विद्वानों के अनुसार, इस दिन कुछ खास उपाय किए जाएं तो कालसर्प दोष के अशुभ असर को कम किया जा सकता है। आगे जानें क्या होता है कालसर्प दोष और इससे बचने के लिए नागपंचमी पर कौन-से उपाय करें…
क्या होता है कालसर्प दोष? (Kya Hota Hai Kal Sarp Dosh)
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, ज्योतिष शास्त्र में राहु को सांप का मुख और केतु को पूंछ माना गया है। जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में राहु और केतु के बीच अन्य सभी 7 ग्रह आ जाते हैं तो इस स्थिति को कालसर्प दोष कहते हैं। कालसर्प दोष होने से व्यक्ति को जीवन में कईं तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र में 12 तरह के कालसर्प दोषों के बारे में बताया गया है। जानें इससे बचने के लिए नागपंचमी पर कौन-से उपाय करें…
नागदेवता की पूजा करें
नागपंचमी पर अपने आस-पास स्थित किसी नाग मंदिर में जाकर नागदेवता की पूजा करें। गाय के दूध से अभिषेक करें, सफेद फूल चढाएं। इस उपाय से नागदेवता की कृपा आपके ऊपर बनी रहेगी और कालसर्प दोष का प्रभाव भी कम होगा।
नवनाग स्त्रोत का पाठ करें
नाग देवता को प्रसन्न करने के लिए कईं मंत्र और स्तुतियों की रचना की गई है। नवनाग स्त्रोत भी इनमें से एक है। नागपंचमी की सुबह स्नान आदि करने के बाद सफेद कपड़े पहनकर नवनाग स्त्रोत का पाठ करें। ये पाठ कम से कम 11 या 21 बार करें। संभव हो तो किसी विद्वान की सलाह भी लें।
चांदी के नाग-नागिन प्रवाहित करें
नागपंचमी पर चांदी से बने नाग-नागिन का जोड़ा लेकर किसी नदी किनारे जाएं। यहां बैठकर इसकी विधि-विधान से पूजा करें। संभव हो तो किसी इसके लिए किसी विद्वान की सहायता भी ले सकते हैं। पूजा के बाद चांदी के नाग-नागिन के जोड़े को नदी में प्रवाहित कर दें।
कालसर्प यंत्र की पूजा करें
नागपंचमी के मौके पर पर कालसर्प यंत्र की स्थापना अपने घर के पूजा स्थान पर करें। रोज इसकी पूजा करें। किसी भी काम के लिए घर से निकलने से पहले इसके दर्शन जरूर करें। इसके आपके जीवन की निगेटिविटी दूर होगी और अटके काम फिर से बनने लगेंगे।