Voter List SIR Supreme Court : बिहार के बाद अब देश के 12 राज्यों में मंगलवार से मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) शुरू हो रहा है। लेकिन इस प्रक्रिया के शुरू होने से पहले ही तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके (DMK) ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है। डीएमके का आरोप है कि चुनाव आयोग ने मनमाने ढंग से लाखों मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए हैं।
DMK ने सुप्रीम कोर्ट में दी अर्जी
डीएमके के संगठन सचिव आर. एस. भारती ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। पार्टी मंगलवार को ही इस मामले पर शीघ्र सुनवाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में इसका उल्लेख (mention) करने की तैयारी में है।
‘लाखों वास्तविक मतदाताओं के नाम हटाए’
डीएमके ने अपनी याचिका में कहा है कि चुनाव आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की संवैधानिक प्रक्रिया का पालन किए बिना मतदाता सूची से बड़े पैमाने पर नाम हटाए हैं। पार्टी का दावा है कि आयोग की इस मनमानी और प्रक्रिया में कमियों के चलते लाखों वास्तविक मतदाताओं के नाम सूची से कट गए, जिससे वे अपने मताधिकार से वंचित हो गए हैं।
‘कम समय, खामियों भरी प्रक्रिया’
याचिका में यह भी कहा गया है कि एसआईआर (Special Intensive Revision) के लिए आयोग ने बहुत कम समय दिया और दस्तावेजी आवश्यकताओं में भी भारी खामियां थीं। इससे सही मतदाताओं के नाम भी हट गए, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया प्रभावित हुई है।
बिहार SIR मामले पर भी कल सुनवाई
यह मामला ऐसे समय में आया है जब बिहार से जुड़े एसआईआर के एक अन्य मामले पर भी मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। कई विपक्षी दल चुनाव आयोग के इस कदम पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि इतनी कम अवधि में लाखों रिकॉर्ड का पुनरीक्षण करना पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
मुख्य बातें (Key Points):
- 12 राज्यों में मंगलवार से मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू हो रहा है।
- तमिलनाडु की सत्तारूढ़ DMK ने इस प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
- DMK का आरोप है कि चुनाव आयोग ने मनमाने ढंग से लाखों वास्तविक मतदाताओं के नाम हटा दिए हैं।
- बिहार से जुड़े SIR मामले पर भी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।








