पंजाब, 15 जनवरी (The News Air) पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) के इंटरव्यू मामले में बर्खास्त डीएसपी गुरशेर सिंह (DSP Gurshar Singh) ने अपनी बर्खास्तगी को चुनौती दी है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार (Punjab Government) को नोटिस जारी किया है और उनसे एक महीने में इस मामले में जवाब देने को कहा है। हालांकि, अदालत ने उनकी बर्खास्तगी पर रोक लगाने से मना कर दिया है। इससे पहले, पंजाब सरकार (Punjab Government) ने हाईकोर्ट (High Court) द्वारा गठित एसआईटी रिपोर्ट (SIT Report) के आधार पर गुरशेर सिंह को बर्खास्त करने के आदेश जारी किए थे।
गुरशेर सिंह ने क्या दलील दी? : गुरशेर सिंह संधू (Gurshar Singh Sandhu) ने बर्खास्तगी के खिलाफ कोर्ट में दलील दी है कि उन्हें बलि का बकरा (scapegoat) बनाया गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार (Punjab Government) के आदेश में उनके खिलाफ कदाचार (misconduct), लापरवाही (negligence) और कर्तव्य में लापरवाही (dereliction of duty) का आरोप लगाया गया है। उन्होंने बताया कि पंजाब लोक सेवा आयोग (PPSC) द्वारा संविधान के अनुच्छेद 311(2)(B) (Article 311(2)(B)) के तहत बर्खास्तगी की अनुमति दी गई थी, जो बिना विभागीय जांच के बर्खास्तगी की अनुमति देती है, जहां जांच अव्यवहारिक मानी जाती है।
लॉरेंस का विवादित इंटरव्यू और उसके बाद के घटनाक्रम : लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) का पहला इंटरव्यू 14 मार्च (March 14) को ब्रॉडकास्ट हुआ था, जिसमें उसने पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Moosewala) के हत्या (murder) की जिम्मेदारी ली थी। लॉरेंस ने दावा किया था कि मूसेवाला गैंगवार में शामिल था, और उसे विक्की मिड्डूखेड़ा (Vicky Middukhera) के हत्या के मामले में भी जिम्मेदार ठहराया था। यह इंटरव्यू CIA खरड़ (CIA Kharar) में लॉरेंस के कस्टडी से लिया गया था।
दूसरे इंटरव्यू में लॉरेंस ने जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिखाया। उसने अपनी बैरक (barrack) का उल्लेख किया और बताया कि कैसे मोबाइल बाहर से जेल में फेंके जाते थे।
पुलिसकर्मियों का निलंबन : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) के आदेश पर गठित एसआईटी (SIT) ने 7 पुलिस अधिकारियों (7 police officers) को ड्यूटी के दौरान कोताही और लापरवाही का आरोपी माना। इसके बाद, 25 अक्टूबर 2024 (October 25, 2024) को सभी को निलंबित (suspended) करने के आदेश जारी किए गए थे। जिन अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित किया गया, उनमें डीएसपी गुरशेर सिंह (DSP Gurshar Singh), डीएसपी समर वनीत (DSP Samar Waneet), सब इंस्पेक्टर रीना (SI Reena), एसआई जगतपाल जंगू (SI Jagatpal Jangoo), एसआई शगनजीत सिंह (SI Shaganjeet Singh), एएसआई मुखत्यार सिंह (ASI Mukhtiar Singh) और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश (Head Constable Om Prakash) शामिल थे।
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) से साक्षात्कार मामले में बर्खास्त हुए डीएसपी गुरशेर सिंह (DSP Gurshar Singh) की बर्खास्तगी को हाईकोर्ट (High Court) में चुनौती दी गई है। उन्होंने दावा किया कि उन्हें बलि का बकरा (scapegoat) बनाया गया है और इस मामले में पंजाब सरकार को उचित जवाब देना होगा। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने पंजाब सरकार को नोटिस भेजते हुए इस मामले की जल्द सुनवाई की बात की है।