कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर बड़ा बयान दिया है। आरएसएस के कट्टर आलोचकों में से एक दिग्विजय सिंह ने इसको लेकर युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एक नसीहत दी है। उन्होंने युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा कि वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सीखें कि संदेश को प्रभावी ढंग से कैसे संप्रेषित किया जाए और संगठन के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करें। दिग्विजय सिंह ने यह बात जबलपुर में कही जब वे कथित नर्सिंग कॉलेज घोटाले और नीट प्रश्नपत्र लीक के खिलाफ युवा कांग्रेस द्वारा आयोजित धरना प्रदर्शन को संबोधित कर रहे थे।
अपने संबोधन में दिग्विजय सिंह ने कहा कि संघ से सीखिए, हालांकि हम उनके कट्टर विरोधी हैं। वे दिमागी खेल खेलते हैं। वे कभी विरोध नहीं करेंगे, कभी प्रदर्शन नहीं करेंगे, कभी पिटेंगे नहीं, कभी जेल नहीं जाएंगे, बल्कि वे हमें जेल भेज देंगे। उन्होंने आगे कहा कि आरएसएस आम तौर पर तीन चीजों पर ध्यान केंद्रित करता है: पर्चे बांटना, चर्चाएं आयोजित करना और अंत में आंदोलन पर होने वाला खर्च। अगर आप उनसे लड़ना चाहते हैं, तो उन्हें उनके ही खेल में हराएं, बेशक, शारीरिक रूप से नहीं बल्कि बौद्धिक रूप से।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीनी स्तर पर संगठनात्मक नेटवर्क के अभाव में विरोध प्रदर्शन प्रभावी साबित नहीं होंगे। उन्होंने बूथ से लेकर जिले तक तीन स्तरों पर आंदोलन करने का सुझाव दिया। कांग्रेस नेता ने कहा कि संघ की कार्यप्रणाली और दुष्प्रचार को समझकर उसका प्रभावी ढंग से मुकाबला किया जा सकता है। बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सिंह ने राज्य चुनावों में कांग्रेस पार्टी के प्रदर्शन पर निराशा व्यक्त की और कहा कि पार्टी फिलहाल इस असफलता के कारणों का विश्लेषण कर रही है।
सिंह ने कहा कि भाजपा ने दावा किया था कि वह लोकसभा चुनावों में 400 सीटें हासिल करेगी, लेकिन वह 250 सीटें भी हासिल नहीं कर सकी। उन्होंने भाजपा को मिले बहुमत का श्रेय बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के समर्थन को दिया। इसके अलावा, सिंह ने नीट प्रश्नपत्र लीक कांड के लिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के अध्यक्ष प्रदीप कुमार जोशी की आलोचना की और सवाल किया कि परीक्षा रद्द क्यों नहीं की गई। इसके अतिरिक्त, सिंह ने राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार के विभिन्न आरोप भी लगाए।