होशियारपुर (The News Air) बेशक सरकार लाख दावे करे कि पंजाब के सरकारी दफ्तरों से भ्रष्टाचार खत्म हो गया है। लेकिन यह कैंसर रूपी बीमारी अब भी वैसे ही बदस्तूर जारी है। दफ्तरों में अब भी काम बिना पैसे के नहीं होते हैं। भ्रष्टाचार खत्म करने के सरकारी दावों की पोल खोलता मामला होशियारपुर जिले के तहत माहिलपुर ब्लाक में सामने आया है।
यहां पर एक रिटायर चौकीदार पिछले डेढ़ साल से अपने हिसाब-किताब और पेंशन के लिए ब्लाक दफ्तर के चक्कर काट रहा है। लेकिन विभाग की लेखाकार ने रिटायरमेंट के लड्डू खाकर, सूट और पांच हजार रुपए रिश्वत लेकर भी काम नहीं किया। लेखाकार की रिश्वत लेने की वीडियो भी रिटायर चौकीदार रामदेव ने सार्वजनिक की है।
आपबीती सुनाता चौकीदार रामदेव
रिश्वत लेकर भी फाइल उच्चाधिकारियों को नहीं भेजी
चौकीदार रामदेव ने कहा कि वह सितंबर 2021 में माहिलपुर ब्लाक से ही चौकीदार रिटायर हुआ था। लेकिन अपने ही दफ्तर के लोग जिनके साथ उसने बरसों काम किया वह ही उससे पैसे लेकर काम नहीं कर रहे हैं। रामदेव ने आरोप लगाया कि दफ्तर में कार्यरत एक लेखाकार ने उससे पांच हजार एक बार तथा पांच सौ रुपए अलग से लिए। लेकिन फिर भी उसकी फाइल उच्चाधिकारियों को नहीं भेजी।
पंद्रह दिन में तैयार कर दे दी थी फाइल
राम देव ने बताया कि सेवानिवृत्ति के पंद्रह दिन के भीतर उसने पूरी फाइल तैयार कर दफ्तर की लेखाकार जसवीर कौर को पेंशन व सेवा लाभ दिलाने के लिए दे दी थी। लेकिन 7 महीने तक उसकी फाइल आगे नहीं गई। 7 मई 2022 को जसवीर कौर ने फाइल आगे भेजने के लिए उससे 5 हजार की रिश्वत ली। जिसकी उसने वीडियो बना ली थी। रामदेव ने कहा कि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल, निदेशक ग्रामीण विकास, डिप्टी कमिश्नर होशियारपुर, जिला विकास व पंचायत अफसर होशियारपुर को भी उसने शिकायत दी है।
बधाई लेकर किया था सीपीएफ का भुगतान
चौकीदार ने बताया कि महिला अकाउंटेंट जसवीर कौर ने उसे सीपीएफ का भुगतान भी बधाई लेकर किया था। सीपीएफ का भुगतान करते समय उसने बधाई के रूप में 5 सौ रुपये, एक सूट और लड्डू का डिब्बा लिया था। चौकीदार ने कहा कि उसे दफ्तर में ही बताया गया था कि उसका काम बिना पैसे दिए नहीं होगा। लेकिन पैसे देने बाद भी पेंशन, ग्रेच्युटी और बकाया का भुगतान नहीं हुआ।