The News Air- (चंडीगढ़) लुधियाना बम धमाके और कपूरथला लिंचिंग के बाद पंजाब पुलिस पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। लुधियाना कोर्ट कॉंप्लेक्स में बम धमाका करने वाला पुलिस का ही हेड कांस्टेबल निकला। वहीं, जिसने कपूरथला में बेअदबी का आरोप लगा युवक की लिंचिंग करवाई, उसके भी पुलिस के क़रीबी होने का शक है।
लिंचिंग करने वाले गुरुद्वारा निज़ाम पूर मोड़ के केयरटेकर अमरजीत सिंह पर आरोप है कि वह पुलिस का कैट रहा है। वहीं, घटना के दौरान वह पुलिस कमिश्नर स्तर के अफ़सर के रेगुलर संपर्क में रहा। हालांकि इस बारे में DGP सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने कहा कि बैड एलिमेंट्स (बुरे तत्व) हैं लेकिन जो भी क्राइम में शामिल होगा, उसके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई होगी।
नशे के साथ पकड़े जाने पर बर्खास्त हुआ था कांस्टेबल
पंजाब पुलिस के जिस हेड कांस्टेबल गगनदीप सिंह ने लुधियाना में धमाका किया, उसे 2019 में 385 ग्राम हेरोइन समेत पकड़ा गया था। उस वक़्त वह पुलिस थाने में मुंशी था। इस घटना के बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया। जिसके बाद 2 साल उसने जेल में काटे। हालांकि वहाँ सुधरने के बजाय वह ड्रग माफिया और आंतकियों के संपर्क में चला गया। जिसके बाद उसने धमाके को अंजाम दे डाला।
कपूरथला आरोपी रहा कैट
कपूरथला में जिस आरोपी अमरजीत सिंह को क़त्ल के केस में पकड़ा गया, वह पुलिस का कैट यानी मुखबिर रह चुका है। यह भी सामने आया कि लिंचिंग के दौरान वह लगातार एक पुलिस अफ़सर से बात करता रहा। हालांकि अब ऐसे अफ़सरों को बेनक़ाब करने से पंजाब पुलिस पीछे हट रही है। अमरजीत का क़रीबी रिश्तेदार भी पंजाब पुलिस में तैनात होने की बात सामने आ रही है।
कोई भी क़ानून से ऊपर नहीं : DGP
DGP सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने कहा कि जैसे ही हेड कांस्टेबल नशे के साथ पकड़ा गया, हमने उसे डिसमिस कर दिया। निज़ाम पूर केस में आरोपी के ख़िलाफ़ केस दर्ज़ कर उसे गिरफ़्तार कर लिया। कोई भी क़ानून से ऊपर नहीं है। जो ग़लत करेगा, उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी।