Raj Uddhav Thackeray Joint Rally: महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में एक ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला जब राज ठाकरे (Raj Thackeray) और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) एक मंच पर एकजुट नजर आए। इस रैली में दोनों ने एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए भाजपा और केंद्र सरकार की नीतियों पर तीखा हमला बोला। रैली के दौरान राज ठाकरे ने चौंकाने वाला बयान दिया कि बाल ठाकरे (Bal Thackeray) जो नहीं कर सके, वह आज देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कर दिखाया। उन्होंने हम दोनों भाइयों को एक मंच पर खड़ा कर दिया।
राज ठाकरे ने अपने भाषण में हिंदी भाषा के थोपे जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि उन्हें हिंदी पसंद है, लेकिन उसे जबरन थोपना मंजूर नहीं। उन्होंने कहा कि त्रिभाषा फॉर्मूला असल में मुंबई (Mumbai) को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश का हिस्सा था, जिसे मराठी (Marathi) लोगों की एकजुटता के कारण सरकार को वापस लेना पड़ा। उन्होंने चेताया कि अब भाषा के बाद जाति की राजनीति की जाएगी और मराठी लोगों को एकजुट होने से रोका जाएगा।
इस मौके पर उद्धव ठाकरे ने भी राज के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि हमारे शब्दों से ज्यादा अहम यह है कि हम आज साथ खड़े हैं और साथ रहेंगे। उन्होंने कहा कि हमें इस्तेमाल करने वालों को अब हम फेंकेंगे। यह बयान सीधा-सीधा भाजपा के खिलाफ एकजुट विपक्षी रणनीति की ओर इशारा करता है।
राज ठाकरे ने हिंदी भाषी राज्यों की आलोचना करते हुए कहा कि जिन राज्यों में वर्षों तक मराठा साम्राज्य (Maratha Empire) का शासन रहा, वहां कभी मराठी थोपने की कोशिश नहीं हुई, फिर महाराष्ट्र में हिंदी क्यों थोपी जा रही है? उन्होंने तंज कसा कि कुछ मंत्रियों की हिंदी सुनने पर लोग गिर पड़ेंगे।
यह रैली केवल भाषणों का मंच नहीं बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरणों की नींव भी बन सकती है। राज और उद्धव ठाकरे का यह साथ आना संकेत देता है कि महाराष्ट्र की राजनीति एक नए मोड़ पर है, जहां भाषा, क्षेत्रीय पहचान और राजनीतिक स्वार्थ टकरा रहे हैं।