Israel-Iran Tension and Indian Stock Market Rally के बीच भारतीय शेयर बाजार ने 20 जून की सुबह ऐसा प्रदर्शन किया कि सभी निवेशक हैरान रह गए। जबकि दुनिया भर में इज़राइल (Israel) और ईरान (Iran) के बीच बढ़ते तनाव को लेकर बेचैनी बनी हुई थी, भारत का शेयर मार्केट (Stock Market) तेजी की ओर दौड़ पड़ा। सेंसेक्स (Sensex) 81,354 के शुरुआती स्तर से सीधा 82,297 के शिखर तक पहुंच गया, यानी लगभग 800 अंकों की शानदार छलांग। वहीं, निफ्टी (Nifty) भी 24,787 से चढ़ते हुए 25,078 तक जा पहुंचा।
इस तेजी ने सिर्फ बड़े स्टॉक्स ही नहीं, बल्कि मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों को भी मजबूती दी। लगभग आधे प्रतिशत से ज्यादा की तेजी ने निवेशकों को बड़ी राहत दी। खास बात यह रही कि महज एक दिन में निवेशकों की संपत्ति ₹3 लाख करोड़ से अधिक बढ़ गई। बाजार की कुल वैल्यू ₹443 लाख करोड़ से बढ़कर ₹446 लाख करोड़ हो गई।
शेयर मार्केट में उछाल की 4 बड़ी वजहें
1. सस्ते में खरीदारी का मौका:
पिछले तीन दिनों की गिरावट के कारण कई स्टॉक्स सस्ते हो गए थे। मार्केट एक्सपर्ट अविनाश गोरक्षकर (Avinash Gorakshkar) ने बताया कि निवेशकों ने भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था को देखते हुए ‘डिप में बाय’ की रणनीति अपनाई। साथ ही यह उम्मीद भी जताई गई कि इज़राइल-ईरान के बीच तनाव ज्यादा नहीं बढ़ेगा।
2. तेल की कीमत में गिरावट:
जब कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमत 2% गिरकर $77 प्रति बैरल पहुंच गई, तो निवेशकों को राहत मिली। अमेरिका (USA) की ओर से इस मुद्दे पर कोई बड़ा फैसला नहीं लिया गया, जिससे तेल बाजार में स्थिरता आई। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक तेल $80 से नीचे रहेगा, भारत के लिए फायदेमंद रहेगा।
3. विदेशी निवेशकों की वापसी:
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने लगातार तीसरे दिन भारतीय शेयर खरीदे। सिर्फ 19 जून को ही ₹935 करोड़ का निवेश हुआ। इससे यह स्पष्ट हो गया कि वैश्विक निवेशकों को भारत की अर्थव्यवस्था और राजनीतिक स्थिरता पर भरोसा है।
4. तकनीकी विश्लेषण का जादू:
कोटक सिक्योरिटीज (Kotak Securities) के तकनीकी विशेषज्ञ श्रीकांत चौहान (Shrikant Chouhan) ने बताया कि अगर निफ्टी 24,900 पार कर लेता है, तो यह 25,050 तक जा सकता है। उनका सुझाव है कि 25,000 के ऊपर खरीदारी की जा सकती है, लेकिन सतर्कता बरतते हुए 24,800 पर ‘स्टॉप लॉस’ लगाना जरूरी है।
इज़राइल-ईरान युद्ध की आशंका, क्रूड की कीमतों में उतार-चढ़ाव और वैश्विक अस्थिरता के बावजूद भारतीय शेयर बाजार ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है। निवेशकों की सकारात्मक सोच, मजबूत घरेलू आर्थिक संकेत और विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी ने बाजार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। हालांकि विशेषज्ञ अब भी सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं, खासकर अगर अंतरराष्ट्रीय तनाव दोबारा तेज होता है।