मानसून के दौरान मच्छरों का आतंक कुछ ज्यादा ही बढ़ जाता है। इनसे होने वाली बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इनमें से कुछ बीमारियां तो ऐसी हैं कि समय पर इलाज न मिलने से व्यक्ति की जान को भी खतरा हो सकता है। ऐसे ही डेंगू का खतरा भी बना रहता है। यह डेंगी मच्छरों से इंसान में फैलता है। बारिश में पानी का जमाव से मच्छर पनपने लगते हैं। जिसकी वजह से इस मौसम में लोग ज्यादा बीमार होते हैं। ऐसे में आपको इस वक्त सबसे ज्यादा सतर्क रहने की ज़रूरत है। मच्छरों के काटने से डेंगू फैलता है। लेकिन इंसानों से भी मच्छरों को डेंगू हो सकता है।
डेंगू का मच्छर हमेशा साफ पानी में ही रहता है। ज्यादातर लोग सब्जियों को फ्रिज के ट्रे में ही रख देते है। इसलिए लोगों को डेंगू की बीमारी से बचने के लिए खास तौर से ध्यान देने की जरूरत रहती है। साफ पानी का स्टोर नहीं करना चाहिए। बता दें कि डेंगू का मच्छर आम मच्छरों से काफी अलग होता है।
मच्छर के अंडे 8-10 महीने तक सुरक्षित रह सकते हैं
स्वास्थ्य विभाग के डॉ. राजेश पटेल ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए कहा कि यह मच्छर चावल के पानी में भी अंडे देते हैं। इन अंडों से 7-8 दिन में बच्चों का जन्म हो जाता है। मानसून के दौरान जब पानी भरा होता है, तब अंडे दिए जाते हैं। हालांकि पानी सूखने के बाद भी ये अंडे 8-10 महीने तक जीवित रह सकते हैं। लिहाजा जैसे ही उन्हें थोड़ा पानी मिला, वो अंडे फिर से पहले की तरह हो जाते हैं। यानी दोबारा जीवित हो जाते हैं। लिहाजा इन मच्छरों से छुटकारा पाने के लिए साफ सफाई बेहद जरूरी है।
कैसा होता है डेंगू का मच्छर?
डेंगू के मच्छर को मादा एडीज़ मच्छर कहते हैं। चीते जैसी धारियों वाले मादा एडीज़ इजिप्टी मच्छर के काटने से शरीर में डेंगू फैलता है। यह मच्छर अक्सर सुबह के समय ही काटते हैं। इन मच्छरों की उम्र एक ही महीने की होती है। लेकिन पूरे जीवनकाल में 500 से 1,000 तक मच्छरों को जन्म दे देती है। ये मच्छर सिर्फ तीन फीट तक ही उड़ सकते हैं. इस कारण सिर्फ लोअर लिंब्स पर ही डंक मारते हैं।
इंसानों से मच्छरों में कैसे फैलता है वायरस?
इस मामले में डॉ. राजेश पटेल ने बताया कि एडीज मादा मच्छर को अंडे देने से पहले खून की जरूरत होती है। जिसकी वजह से मादा मच्छर काटकर खून इकट्ठा कर लेती है। इस स्थिति में, जब मादा मच्छर डेंगू वायरस से संक्रमित किसी पुरुष को काटती है, तो डेंगू वायरस उसके अंडाशय में ट्रांसफर हो जाता है। इस वजह से जब यह अंडे देता है तो शावक में डेंगू का वायरस जन्म से ही मौजूद रहता है। यह शावक के बड़े होने के बाद इंसानों में यह वायरस चला जाता है। डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियां फैलती रहती हैं।
यह वायरस मच्छरों और मच्छरों से इंसानों में फैलता है
इस तरह वायरस इंसान से मच्छर में और मच्छर से इंसान में एक चक्र की तरह चलता रहता है। डेंगू एकमात्र ऐसा वायरस है जो अंडाशय में स्थानांतरित हो सकता है। डेंगू जैसी बीमारी से अक्सर व्यक्ति की मौत हो जाती है। लिहाजा डेंगू के रोग फैलाने वाले मच्छरों से सतर्क रहना चाहिए।