खनौरी, 18 जनवरी (The News Air) हरियाणा (Haryana) के खनौरी (Khonori) में किसानों का प्रदर्शन तेज़ होता जा रहा है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (Jagjit Singh Dallewal) के नेतृत्व में पिछले कुछ दिनों से चल रहे अनिश्चितकालीन अनशन में अब 10 और किसानों ने भाग लिया है। ये किसान हरियाणा के हिसार (Hisar), सोनीपत (Sonipat), पानीपत (Panipat), और जींद (Jind) जिलों से आए हैं। उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में खनौरी बॉर्डर (Khonori Border) पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल (Indefinite Hunger Strike) शुरू की है।
किसानों का बड़ा संदेश: डल्लेवाल जी के रास्ते पर चलकर बलिदान देने के लिए तैयार
अभिमन्यु कोहाड़ (Abhimanyu Kohad), एक किसान नेता, ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि देश (Country) का किसान डल्लेवाल (Dallewal) जी के दिखाए रास्ते पर चलकर अपना बलिदान देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “हम सब उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं, क्योंकि डल्लेवाल जी अपनी जमीन, खेती और आने वाली पीढ़ी को बचाने के लिए 53 दिन से भूख हड़ताल पर हैं।”
डल्लेवाल की तबीयत बिगड़ी, पानी पीने में हो रही है समस्या
हालांकि, आंदोलन के दौरान जगजीत सिंह डल्लेवाल (Jagjit Singh Dallewal) की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिली है। उन्हें बृहस्पतिवार (Thursday) की रात को तीन-चार बार उल्टियां हुईं और वह केवल 150-200 मिलीलीटर पानी ही पी पा रहे हैं। इस समय, डल्लेवाल जी ने चिकित्सा सहायता लेने से मना कर दिया है और उन्होंने अपनी हड़ताल को जारी रखने का निर्णय लिया है।
किसान आंदोलन का इतिहास और शंभू-खनौरी बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और किसान मजदूर मोर्चा (Kisan Mazdoor Morcha) के बैनर तले यह किसान आंदोलन पिछले साल 13 फरवरी (13 February) से चल रहा है। जब सुरक्षा बलों ने किसानों को दिल्ली (Delhi) तक मार्च करने से रोक दिया था, तब से किसान पंजाब और हरियाणा (Haryana) के शंभू (Shambhu) और खनौरी (Khonori) बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। उनका मुख्य उद्देश्य न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी (Legal Guarantee) सहित अन्य मांगों को केंद्र सरकार से लागू करवाना है।
आगे की रणनीति और किसान नेताओं का इरादा
किसान नेताओं का कहना है कि वे डल्लेवाल (Dallewal) जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनके आंदोलन में हिस्सा लेंगे, जब तक उनकी सभी मांगों को मान्यता नहीं दी जाती। एसकेएम (SKM) के संयोजक ने साफ तौर पर कहा है कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार किसानों की मांगों को पूरा नहीं करती।
खनौरी (Khonori) में किसानों का आंदोलन अब और तेज हो चुका है। डल्लेवाल (Dallewal) जी की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल ने एक बड़ा संदेश दिया है और पूरे देश के किसानों को उनके संघर्ष में जोड़ लिया है। किसान नेताओं का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा नहीं माना जाता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।