Delhi Pollution News: दिल्ली-एनसीआर की सुबह एक बार फिर धुंध और जहरीली हवा की चादर में लिपटी हुई नजर आई। शनिवार को प्रदूषण का स्तर इतना खतरनाक हो गया कि कई इलाकों में AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 400 के पार चला गया, जिससे लोगों का खुली हवा में सांस लेना भी दूभर हो गया है। ठंड बढ़ने के साथ ही हवा में घुलता यह जहर अब आम जनजीवन के लिए एक बड़ी मुसीबत बन गया है।
खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा प्रदूषण
शनिवार सुबह 7 बजे के आंकड़ों ने दिल्ली वालों की चिंता बढ़ा दी है। राजधानी का औसत AQI 387 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ और ‘गंभीर’ श्रेणी के बीच आता है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि वजीरपुर (Wazirpur) जैसे इलाकों में एक्यूआई 443 तक पहुंच गया है। वहीं, दिल्ली के करीब 18 इलाके ऐसे हैं जो ‘डार्क रेड जोन’ में आ चुके हैं। यहां तक कि आईजीआई एयरपोर्ट (IGI Airport) क्षेत्र में भी एक्यूआई 312 दर्ज किया गया है। लोगों को अब घर से बाहर निकलने में भी डर लगने लगा है और मास्क के बिना बाहर जाना लगभग नामुमकिन हो गया है।
नोएडा-गाजियाबाद में हालात बदतर
दिल्ली से सटे एनसीआर के शहरों का हाल तो और भी बुरा है। ग्रेटर नोएडा का AQI 418, गाजियाबाद का 422 और नोएडा का 422 दर्ज किया गया है। ये तीनों शहर प्रदूषण के ‘डार्क रेड जोन’ में हैं। सबसे डराने वाले आंकड़े नोएडा के सेक्टर-125 से आए हैं, जहां एक्यूआई 448 रिकॉर्ड किया गया है, जो इस सीजन का अब तक का सबसे खराब स्तर माना जा रहा है। आनंद विहार और रोहिणी भी सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में शामिल हैं।
सेहत पर पड़ रहा गंभीर असर
हवा में घुले इस जहर का सीधा असर लोगों की सेहत पर दिख रहा है। इन इलाकों में रहने वाले लोग आंखों में जलन, गले में खराश, सिरदर्द और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, यह स्थिति बच्चों, बुजुर्गों और दमा या फेफड़ों की बीमारी वाले मरीजों के लिए बेहद जानलेवा साबित हो सकती है। धुंध और कोहरे ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है।
सरकार का बड़ा कदम: नई समिति का गठन
वाहनों से निकलने वाले धुएं को इस प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। इस समिति में वैज्ञानिक, स्वास्थ्य विशेषज्ञ और नीति निर्माता शामिल होंगे। समिति की पहली बैठक 15 दिसंबर 2025 को प्रस्तावित है, जिसमें वाहन प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक ठोस रणनीति और समय सीमा तय की जाएगी।
जानें पूरा मामला
मौसम विभाग के अनुसार, हवा की रफ्तार बेहद धीमी होने और तापमान गिरने (न्यूनतम 11°C) की वजह से प्रदूषक तत्व हवा में ही जम गए हैं। PM 2.5, नाइट्रोजन ऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैसों का स्तर लगातार बढ़ रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, शुक्रवार शाम को भी 24 घंटे का औसत एक्यूआई 349 था। अनुमान है कि रविवार को हालात और बिगड़ सकते हैं और प्रदूषण गंभीर श्रेणी में बना रह सकता है।
मुख्य बातें (Key Points)
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दिल्ली के वजीरपुर में AQI 443 और नोएडा के सेक्टर-125 में 448 तक पहुंचा।
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दिल्ली-एनसीआर के 18 से ज्यादा इलाके प्रदूषण के ‘डार्क रेड जोन’ में शामिल।
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CAQM ने वाहन प्रदूषण रोकने के लिए विशेषज्ञ समिति बनाई, 15 दिसंबर 2025 को पहली बैठक।
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लोगों को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।






