Delhi Air Pollution AQI Update : देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। सर्दी बढ़ने के साथ-साथ हवा और भी ज्यादा जहरीली होती जा रही है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि शहर घनी धुंध (Smog) की सफेद चादर में लिपट गया है, जिससे लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर को देखते हुए प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं, लेकिन वे भी नाकाफी साबित हो रहे हैं।
खतरनाक स्तर पर पहुंचा प्रदूषण
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के ताजा आंकड़ों ने चिंता बढ़ा दी है। सुबह 7 बजे दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘बेहद खराब’ और ‘गंभीर’ (Severe) श्रेणी में दर्ज किया गया। कम से कम 20 मॉनिटरिंग स्टेशनों पर एक्यूआई ‘सिवियर’ कैटेगरी में पाया गया, जबकि कई इलाकों में यह आंकड़ा 450 के भी पार चला गया है।
इन इलाकों में सांसों पर संकट
प्रदूषण का सबसे भयानक रूप वजीरपुर में देखने को मिला, जहां AQI 477 दर्ज किया गया। इसके अलावा जहांगीरपुरी में 451, रोहिणी में 449 और मुंडका में 446 एक्यूआई दर्ज हुआ। अशोक विहार (444), पंजाबी बाग (439), विवेक विहार (436), नेहरू नगर (431), आरके पुरम (423) और आनंद विहार (420) में भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में है। दिल्ली ही नहीं, यूपी के गाजियाबाद और नोएडा में भी हालात ‘सिवियर’ बने हुए हैं।
GRAP-3 की पाबंदियां और सख्ती
बिगड़ते हालात को देखते हुए दिल्ली में GRAP-3 (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) लागू कर दिया गया है। इसके तहत कई सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं:
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दिल्ली में 10 साल पुराने वाहनों की एंट्री बंद।
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BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल गाड़ियों पर पूरी तरह बैन।
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सड़क निर्माण और बड़े मरम्मत कार्यों पर रोक।
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कंस्ट्रक्शन, पेंटिंग और वेल्डिंग के काम बंद।
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सड़कों पर झाड़ू लगाने और ईंट से चिनाई के काम पर भी रोक लगा दी गई है।
हेल्थ मिनिस्ट्री की एडवाइजरी
इस ‘मेडिकल इमरजेंसी’ जैसे हालात को देखते हुए हेल्थ मिनिस्ट्री ने आम जनता के लिए एडवाइजरी जारी की है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे घर पर ही रहें और बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलें। घर के दरवाजे-खिड़कियां बंद रखें और हो सके तो एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। बाहर निकलते समय N95 मास्क पहनना अनिवार्य बताया गया है। साथ ही, पब्लिक ट्रांसपोर्ट या साइकिल का इस्तेमाल करने, पराली न जलाने, ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने, फल-सब्जियां खाने और लगातार पानी पीते रहने की सलाह दी गई है।
आम आदमी पर असर (Human Impact)
इस जहरीली हवा का सबसे बुरा असर बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों पर पड़ रहा है। आम आदमी के लिए घर से निकलना किसी सजा से कम नहीं है। आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। यह प्रदूषण न केवल सेहत खराब कर रहा है, बल्कि लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी की रफ्तार को भी धीमा कर रहा है।
मुख्य बातें (Key Points)
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दिल्ली के वजीरपुर में AQI सबसे ज्यादा 477 तक पहुंचा।
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प्रदूषण रोकने के लिए GRAP-3 लागू, निर्माण कार्यों और पुरानी गाड़ियों पर रोक।
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जहांगीरपुरी, रोहिणी और मुंडका में एक्यूआई 450 के करीब।
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हेल्थ मिनिस्ट्री ने N95 मास्क लगाने और घर के अंदर रहने की सलाह दी।
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गाजियाबाद और नोएडा में भी हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में।






