Delhi NCR Air Quality : दिल्ली-एनसीआर की हवा एक बार फिर जहरीली होती जा रही है। शुक्रवार को हवा की रफ्तार तेज होने के बावजूद प्रदूषण के स्तर में बड़ी राहत नहीं मिल सकी। सुबह की शुरुआत घने धुंध और हल्के कोहरे के साथ हुई, जबकि आसमान में स्मॉग की मोटी परत तैरती नजर आई। राजधानी दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 364 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है।
गाजियाबाद की हवा सबसे जहरीली
दिल्ली से सटे एनसीआर के जिलों में गाजियाबाद की हवा सबसे जहरीली पाई गई, जहाँ AQI 422 तक पहुंच गया। यह ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। अन्य प्रमुख शहरों का हाल कुछ इस प्रकार रहा:
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नोएडा: AQI 394
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ग्रेटर नोएडा: AQI 353
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गुरुग्राम: AQI 287
एनसीआर में सिर्फ फरीदाबाद ही ऐसा शहर रहा, जहाँ AQI तुलनात्मक रूप से 238 रहा, लेकिन यह भी ‘खराब’ श्रेणी में ही आता है और स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित नहीं माना जाता।
लोगों को सांस लेने में दिक्कत, अस्पतालों में कतार
जहरीली हवा के कारण दृश्यता में भी भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे सुबह दफ्तर और स्कूल पहुंचने में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हवा में PM 2.5 और PM 10 की अधिकता से सांस संबंधी रोगियों की परेशानी कई गुना बढ़ गई है, और अस्पतालों में ऐसे मरीजों की कतारें लंबी हो गई हैं। सड़कों पर लोग मास्क पहने दिखे, क्योंकि आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण आम हो चुके हैं।
सोमवार तक राहत की उम्मीद नहीं
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के पूर्वानुमान के मुताबिक, फिलहाल प्रदूषण से राहत की कोई उम्मीद नहीं है। अनुमान है कि सोमवार तक हवा इसी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी रहेगी। CPCB के अनुसार, हवा में PM 10 का स्तर 329 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और PM 2.5 का स्तर 195.1 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया।
राजधानी के कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में रिकॉर्ड की गई, जिनमें मुंडका (442), आया नगर (429), बवाना (429), जहांगीरपुरी (428), वजीरपुर (426), रोहिणी (418), आनंद विहार (415), नरेला (414), डीटीक्यू (413), विवेक विहार (412) और अशोक विहार (404) शामिल हैं।
क्या है पृष्ठभूमि
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर हर साल इस मौसम में खराब हो जाता है। हवा की धीमी गति, कम तापमान और प्रदूषकों के फैलाव के लिए कम वेंटिलेशन इंडेक्स (शुक्रवार को 2850 मीटर प्रति वर्ग सेकंड) जैसे कारकों के कारण प्रदूषक कण हवा में ही बने रहते हैं। प्रदूषण नियंत्रण एजेंसियां नागरिकों को मास्क पहनने, बाहर रहने का समय सीमित करने और सुबह-शाम के समय अनावश्यक यात्राओं से बचने की सलाह दे रही हैं, क्योंकि फिलहाल स्थिति में सुधार के आसार दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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दिल्ली का AQI 364 (बेहद खराब श्रेणी) दर्ज किया गया, जबकि गाजियाबाद का AQI 422 (गंभीर श्रेणी) तक पहुंच गया।
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हवा में PM 2.5 और PM 10 की अधिकता के कारण सांस के मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ गई है।
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CPCB के पूर्वानुमान के अनुसार, प्रदूषण का स्तर सोमवार तक ‘बेहद खराब’ श्रेणी में ही बना रहने का अनुमान है।
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दृश्यता में गिरावट, धुंध और स्मॉग की मोटी परत से आम जनता को रोजमर्रा के कार्यों में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।






