उन्होंने लिखा, “CBI ने कल फिर बुलाया है। मेरे खिलाफ इन्होंने CBI, ED की पूरी ताकत लगा रखी है। घर पर रेड, बैंक लॉकर तलाशी, कहीं मेरे खिलाफ कुछ नहीं मिला। मैंने दिल्ली के बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा का इंतजाम किया है। ये उसे रोकना चाहते हैं। मैंने जांच में हमेशा सहयोग किया है और करूंगा।”
गौरतलब है कि CBI के चार्जशीट में उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है। हालांकि इस बाबत जांच एजेंसी का कहना था कि उसकी जांच अभी जारी है और कथित अपराध में अन्य आरोपियों की भूमिका भी तय की जा रही है। वहीं खुद CM अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि CBI ने मनीष सिसोदिया को क्लीन चिट दे दी है। दरअसल एक प्रेस कॉन्फेंस में अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि, “शराब घोटाले की चार्जशीट में मनीष सिसोदिया का नाम नहीं है तो एक तरह से CBI ने मनीष सिसोदिया को क्लीन चिट दे दी।”
जानकारी दें कि, गिरफ्तार व्यवसायी विजय नायर और अभिषेक बोइनपल्ली आरोपपत्र में दर्ज 7 आरोपियों में शामिल हैं। आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस प्रदान करने की दिल्ली सरकार की नीति से कुछ डीलरों को लाभ मिला, जिन्होंने इसके लिए कथित रूप से रिश्वत दी थी। इस आरोप का आम आदमी पार्टी (आप) ने जोरदार खंडन किया।
मामले पर CBI के प्रवक्ता ने कहा, “यह भी आरोप लगाया गया है कि आबकारी नीति में संशोधन, लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देना, लाइसेंस शुल्क में छूट/कमी, अनुमोदन के बिना एल-1 लाइसेंस का विस्तार आदि सहित अनियमितताएं की गईं।” प्रवक्ता ने कहा, “यह भी आरोप लगाया गया है कि इन कृत्यों से मिले अवैध लाभ को निजी पक्षों ने अपने बहीखातों में गलत प्रविष्टियां दर्ज करके संबंधित लोक सेवकों को पहुंचाया था।”
उधर मामले पर CM अरविंद केजरीवाल ने यह भी दावा किया था कि, “CBI और ED के करीब 800 ऑफिसर्स बीते 4 महीनों से इस केस पर काम कर रहे हैं। ये ऑफिसर्स 24 घंटे काम कर रहे हैं। उनको एक ही काम दिया गया था कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ कुछ भी सबूत लेकर आओ। मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करना ही है।” फिलहाल तो CBI ने रविवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को पूछताछ के लिए बुलाया है।