नयी दिल्ली (The News Air): उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) कथित आबकारी नीति घोटाले में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दर्ज मामलों में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की जमानत याचिका पर 14 जुलाई को सुनवाई करने के लिए सोमवार को सहमत हो गया। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा की पीठ इस मामले पर सुनवाई करने के लिए सहमत हुई।
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दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने अदालत से जमानत के लिए अनुरोध करते हुए दलील दी कि उनकी पत्नी गंभीर रूप से बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। पीठ ने कहा कि मामला 17 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है, लेकिन वह इस पर 14 जुलाई को सुनवाई करेगी।
सिसोदिया ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े सीबीआई और ईडी मामलों में जमानत के लिए पिछले सप्ताह उच्चतम न्यायालय का रुख किया था। उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के दो आदेशों को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया। उच्च न्यायालय ने इन मामलों में उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के पास आबकारी विभाग भी था।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उन्हें ‘‘घोटाले” में उनकी कथित भूमिका के लिए पहली बार 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था और तब से वह हिरासत में हैं। उन्होंने 28 फरवरी को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। उच्च न्यायालय ने 30 मई को आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था।
उच्च न्यायालय ने अपने 30 मई के आदेश में कहा था कि चूंकि कथित घोटाले के वक्त सिसोदिया ‘‘उच्च पद पर आसीन” थे तो वह यह नहीं कह सकते कि इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं थी। उच्च न्यायालय ने तीन जुलाई को आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले से संबंधित धन शोधन के मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। (एजेंसी)