नई दिल्ली, 19 दिसंबर (The News Air) दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत शिकायतकर्ता को यौन उत्पीड़न मामले से संबंधित जानकारी का खुलासा करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा सिंह ने फैसला सुनाया कि यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित जानकारी मानवाधिकार उल्लंघन के दायरे में आती है। इसलिए आरटीआई एक्ट के तहत छूट नहीं दी जा सकती।
एक्ट की धारा 24 मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों को छोड़कर, कुछ खुफिया और सुरक्षा संगठनों को जानकारी का खुलासा करने से छूट देती है।
मई 2017 में ईडी ने इस प्रावधान का हवाला देते हुए यौन उत्पीड़न मामले में एक आदेश के कार्यान्वयन के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया था।
केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) द्वारा मार्च 2019 में ईडी को आरटीआई आवेदक को जानकारी प्रदान करने का निर्देश देने के बावजूद, इस फैसले को ईडी ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
अदालत ने पहले ईडी द्वारा एक कर्मचारी को सेवा रिकॉर्ड की आपूर्ति से जुड़े इसी तरह के मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार किया।
जस्टिस सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले और आरोपों की प्रकृति पर विचार करते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न पर जानकारी का खुलासा न करना मानवाधिकार उल्लंघन के दायरे में आता है।
हालांकि, अदालत ने साफ किया कि उसने आरोपों की जांच नहीं की है, बल्कि केवल आरटीआई आवेदन में मांगी गई जानकारी को संबोधित किया है।