Delhi Blast Case Update के तार अब फरीदाबाद की एक यूनिवर्सिटी से जुड़ गए हैं, जहां शिक्षा के मंदिर में दहशत का एक खौफनाक ब्लूप्रिंट तैयार किया जा रहा था। एनआईए की गिरफ्त में आई लेडी डॉक्टर शाहीन सैद ने पूछताछ में जो कबूलनामा किया है, उसने सुरक्षा एजेंसियों के भी होश उड़ा दिए हैं। एक फार्माकोलॉजिस्ट, जिसका काम दवाइयों से जान बचाना था, वह देश में बारूद बिछाने और टेररिस्ट मॉड्यूल खड़ा करने की साजिश रच रही थी।
डॉक्टर शाहीन ने एनआईए को बताया कि उनका मुख्य काम देश में आतंक फैलाने के लिए एक मजबूत नेटवर्क तैयार करना था। इसके लिए बाकायदा कड़ियों को जोड़ा जा रहा था और लोगों का ब्रेनवॉश किया जा रहा था। इस साजिश में सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह थी कि टीम में लड़कियों को शामिल करने पर खास जोर था, क्योंकि शाहीन का मानना था कि लड़कियों से काम निकलवाना और उन पर शक न होना ज्यादा आसान होता है।
‘ब्रेनवॉश और लड़कियों की भर्ती का प्लान’
साजिश के तहत यूनिवर्सिटी में मौजूद महिला स्टाफ और छात्राओं की लिस्ट तैयार की जा रही थी। इस नेटवर्क को तीन हिस्सों में बांटा गया था। पहले वे लोग जो सीधे तौर पर इस मिशन से जुड़ेंगे और उन्हें पूरे प्लान की जानकारी होगी। दूसरे वे लोग जिन्हें पैसे और नौकरी का लालच देकर इस्तेमाल किया जाएगा।
तीसरी श्रेणी में वे लोग थे, जिन्हें मकसद की भनक तक नहीं होगी, लेकिन उनसे अनजाने में मदद ली जाएगी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, डॉक्टर शाहीन ने एनआईए को इस नेटवर्क के बारे में कई अहम जानकारियां दी हैं, जिसके बाद जांच की आंच तेज हो गई है।
‘फ्लैट नंबर 32 में NIA की रेड’
एनआईए की टीम पांच गाड़ियों के काफिले के साथ सीधे यूनिवर्सिटी कैंपस के रेजिडेंशियल एरिया में पहुंची। टीम ने ब्लॉक नंबर 15 के फ्लैट नंबर 32 का दरवाजा खुलवाया, जहां डॉक्टर शाहीन रहती थीं। अधिकारी आधे घंटे से ज्यादा समय तक फ्लैट के अंदर रहे और बारीकी से तलाशी ली।
इतना ही नहीं, आसपास रहने वाले लोगों को बुलाकर शाहीन के बारे में सवाल-जवाब किए गए। जांच एजेंसी उन जगहों पर भी गई जहां शाहीन अक्सर जाया करती थी और उन स्टाफ मेंबर्स व छात्रों से भी पूछताछ की गई जो उसके सीधे संपर्क में थे।
‘यूनिवर्सिटी से केमिकल की दुकान तक’
जांच में शाहीन की निजी जिंदगी के पन्ने भी खुले हैं। कुछ महीने पहले ही उसने कैंपस की मस्जिद में डॉक्टर मुजम्मिल से निकाह किया था। यह निकाह बेहद सादे तरीके से इमाम इश्तियाक ने पढ़वाया था, जिसमें सिर्फ 12 करीबी लोग शामिल थे। शादी के बाद यह जोड़ा खोरी जमालपुर में जुम्बा से किराए पर लिए गए तीन कमरों के मकान में रहने लगा था।
हैरान करने वाली बात यह सामने आई कि मुजम्मिल ने नेहरू ग्राउंड स्थित एक केमिकल की दुकान से विस्फोटक बनाने के लिए केमिकल खरीदे थे। यह वही दुकान है जो कॉलेजों को केमिकल सप्लाई करती है। एनआईए उस दुकान पर भी मुजम्मिल को लेकर गई थी।
‘कार से मिली AK-47 राइफल’
एनआईए की जांच में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस को शाहीन की कार से एक AK-47 राइफल और कई संदिग्ध चीजें बरामद हुई हैं। उनकी यह नई कार यूनिवर्सिटी कैंपस में ही खड़ी मिली थी। डॉक्टर शाहीन यूनिवर्सिटी में फार्माकोलॉजिस्ट थीं, लेकिन असल में वह भारत में जैश-ए-मोहम्मद की महिला भर्ती विंग ‘जमात उल मोमिता’ की हेड थीं।
उनका मकसद देश में बम धमाकों को अंजाम देने के लिए डॉक्टरों की एक विशेष टीम बनाना था। फिलहाल वह एनआईए की कस्टडी में हैं और एजेंसी अब उन मेहमानों की पहचान कर रही है जो उनकी शादी में शामिल हुए थे।
जानें पूरा मामला
यह पूरा घटनाक्रम दिल्ली ब्लास्ट की जांच के दौरान सामने आया है। एक पढ़ी-लिखी डॉक्टर द्वारा यूनिवर्सिटी कैंपस का इस्तेमाल करके आतंकी मॉड्यूल तैयार करना एक गंभीर सुरक्षा चूक की ओर इशारा करता है। शाहीन सैद न केवल ब्रेनवॉश कर रही थी, बल्कि हथियारों और विस्फोटकों का इंतजाम भी कर रही थी। एनआईए अब इस नेटवर्क की हर एक कड़ी को जोड़ने में लगी है ताकि देश के खिलाफ रची जा रही इस बड़ी साजिश को पूरी तरह से नेस्तनाबूद किया जा सके।
मुख्य बातें (Key Points)
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डॉक्टर शाहीन सैद का काम देश में टेररिस्ट मॉड्यूल बनाना और लोगों का ब्रेनवॉश करना था।
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नेटवर्क में लड़कियों को शामिल करने पर जोर था क्योंकि उन पर शक कम होता है।
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एनआईए ने फ्लैट नंबर 32 और खोरी जमालपुर स्थित किराए के मकान में छापेमारी की।
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शाहीन की कार से AK-47 राइफल और पति मुजम्मिल द्वारा केमिकल खरीदने की बात सामने आई है।
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शाहीन जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग ‘जमात उल मोमिता’ की हेड बताई जा रही है।






