Delhi Air Pollution राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण का स्तर इस कदर बढ़ गया है कि पूरी दिल्ली एक गैस चेंबर में तब्दील हो गई है। लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में भारी तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है, खासकर बच्चे और बुजुर्ग इस जहरीली हवा से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। इस गंभीर स्थिति के बीच पड़ोसी देश चीन ने भारत के लिए मदद की बात कही है और अपनी हवा साफ करने के अनुभव को साझा करने का प्रस्ताव रखा है।
भारत में चीनी दूतावास की प्रवक्ता यूजिंग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर सिलसिलेवार पोस्ट साझा करते हुए बीजिंग और नई दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) की तुलना की है। इन पोस्ट में दिखाया गया है कि जहाँ चीन की राजधानी बीजिंग का एक्यूआई मात्र 68 है, वहीं नई दिल्ली का स्तर 447 तक पहुँच गया है, जिसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा है। चीन ने संकेत दिया है कि वह अपनी नीतियों और अनुभवों के जरिए भारत की मदद के लिए तैयार है।
चीन ने अपनी सफलता के पढ़े कसीदे
चीनी प्रवक्ता ने दावा किया है कि पिछले एक दशक में चीन द्वारा किए गए लगातार प्रयासों की वजह से आज बीजिंग की स्थिति बेहतर हुई है। उन्होंने बताया कि साल 2013 के बाद से बीजिंग में पीएम 2.5 (PM 2.5) के स्तर में 60% से अधिक की गिरावट आई है। चीन ने अब एक विशेष सीरीज लॉन्च करने का भी ऐलान किया है, जिसमें स्टेप-बाय-स्टेप यह जानकारी दी जाएगी कि कैसे बीजिंग ने अपने वायु प्रदूषण संकट पर काबू पाया और अपनी हवा को साफ किया।
दिल्ली में ‘ग्रेप-4’ की पाबंदियां लागू
दूसरी तरफ, दिल्ली की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए सरकार ने ‘ग्रेप-4’ (GRAP-4) की पाबंदियां लागू कर दी हैं। यह सख्त नियम तब लागू होते हैं जब एक्यूआई 450 के पार पहुँच जाता है। इसके तहत जनरेटर सेट के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है और सड़कों पर पानी का छिड़काव व एंटी-स्मोक गन का उपयोग किया जा रहा है। खुले में कूड़ा या पराली जलाने वालों पर भारी जुर्माना और तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं ताकि प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर 24 घंटे नजर रखी जा सके।
बच्चों की सुरक्षा के लिए बड़ा फैसला
प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने छोटे बच्चों की सुरक्षा के लिए नर्सरी से कक्षा पांच तक की ऑफलाइन क्लासेस बंद करने का फैसला किया है। अब इन कक्षाओं की पढ़ाई अगले आदेश तक ऑनलाइन माध्यम से ही कराई जाएगी। सुबह और शाम के समय धुंध की मोटी परत दिल्ली वालों के लिए बड़ी परेशानी बनी हुई है, जिससे सामान्य जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
क्या भारत लेगा चीन की मदद?
चीनी प्रवक्ता के इस कदम को लेकर अब चर्चाएं तेज हैं कि क्या यह वाकई मदद का हाथ है या फिर केवल अपनी तारीफ करने का एक जरिया। चीन ने माना है कि शहरीकरण के कारण प्रदूषण की चुनौतियां बड़ी हैं, लेकिन सुधार संभव है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारत सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए चीन की उन नीतियों या तकनीकी मदद को स्वीकार करती है, जिसका जिक्र चीनी दूतावास द्वारा किया गया है।
जानें पूरा मामला
दिल्ली में छाई धुंध और जहरीली हवा ने स्वास्थ्य आपातकाल जैसी स्थिति पैदा कर दी है। इसी बीच चीन ने बीजिंग (AQI 68) और दिल्ली (AQI 447) के आंकड़ों की तुलना कर अपनी वायु शोधन तकनीकों का प्रदर्शन किया है। सरकार ने दिल्ली में निर्माण कार्यों और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर भी सख्त रुख अपनाया है ताकि स्थिति को और बिगड़ने से रोका जा सके।
मुख्य बातें (Key Points)
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दिल्ली का AQI 447 के पार, चीन के बीजिंग का AQI मात्र 68 दर्ज।
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चीन ने प्रदूषण कम करने के लिए अपनी नीतियों और ‘सफलता की सीरीज’ साझा करने की पेशकश की।
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दिल्ली में जहरीली हवा के कारण ‘ग्रेप-4’ लागू और कक्षा 5 तक के स्कूल बंद।
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चीन का दावा: 2013 से अब तक बीजिंग में पीएम 2.5 का स्तर 60% तक घटा है।






