Russia Defence Ministry Plane Crash: रूस के इवानोवो क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जिसने रक्षा मंत्रालय को हिलाकर रख दिया है। एक रूटीन उड़ान के दौरान टेकऑफ के कुछ ही पलों बाद एक विशालकाय सैन्य परिवहन विमान आसमान से गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे ने एक बार फिर रूसी मिलिट्री एविएशन की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
टेकऑफ के तुरंत बाद हुआ हादसा
यह दर्दनाक घटना 9 दिसंबर को दोपहर करीब 1:00 बजे घटी। इवानोवो क्षेत्र में स्थित ‘सेवरनी एयरफील्ड’ से रूस के रक्षा मंत्रालय के विमान ने उड़ान भरी ही थी कि कुछ ही देर बाद वह क्रैश हो गया। दुर्घटनाग्रस्त विमान ‘एंटोनोव एन-22’ (Antonov An-22) था, जो एक मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट है। हादसे की लोकेशन इवानोवो का पुरमानोस्की जिला बताई जा रही है, जो राजधानी मॉस्को से लगभग 321 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित है।
इंजन में आग लगने की आशंका
हादसे के तुरंत बाद घटनास्थल पर इमरजेंसी सर्विस की टीमें भेज दी गई हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर जारी है। रूसी रक्षा मंत्रालय की प्रारंभिक जांच (Preliminary Investigation) में क्रैश का मुख्य कारण ‘इंजन फायर’ यानी इंजन में आग लगना माना जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एक स्पेशल मिलिट्री कमीशन, जिसमें एयरोस्पेस फोर्सेज के एक्सपर्ट्स शामिल हैं, इवानोवो पहुंच चुका है। यह टीम ब्लैक बॉक्स रिकवर करेगी और 48 घंटे के भीतर अपनी पूरी रिपोर्ट सौंपेगी।
दुनिया का सबसे बड़ा टर्बोप्रॉप विमान
जिस विमान के साथ यह हादसा हुआ, वह कोई मामूली जहाज नहीं था। एन-22 को दुनिया का सबसे बड़ा टर्बोप्रॉप विमान माना जाता है। 1960 के दशक में कीव में बना यह विमान भारी वजन उठाने और ईंधन बचाने के लिए जाना जाता है। यह एक बार में 60 टन माल, 290 सैनिक या 150 पैराट्रूपर्स को ले जाने की क्षमता रखता है। इस विमान पर 7 क्रू मेंबर्स सवार थे, जिनमें अनुभवी पायलट्स, इंजीनियर्स और सपोर्ट स्टाफ शामिल हैं। अभी तक इन सदस्यों के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की गई है।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
रूस में पिछले कुछ महीनों में विमान हादसों का सिलसिला चिंताजनक रूप से बढ़ा है। इससे पहले 4 सितंबर को रियाजान क्षेत्र में एक X32 बेकास विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, जिसमें पायलट की जान चली गई थी। वहीं, नवंबर 2025 में भी रूसी एयरफोर्स का एक सुखोई-30 (SU-30) लड़ाकू विमान करेलिया में क्रैश हुआ था, जिसमें दो पायलटों की मौत हो गई थी। ये लगातार हो रहे हादसे रूसी मिलिट्री एविएशन की सुरक्षा चिंताओं को उजागर कर रहे हैं।
रेस्क्यू में आ रही मुश्किलें
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि यह विमान किसी ‘वाटर बॉडी’ (जल निकाय) में गिरा है, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में मुश्किलें आ सकती हैं। हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने अभी तक आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने इस घटना को बेहद दुखद (Tragic) बताया है, वहीं स्थानीय गवर्नर और तास न्यूज एजेंसी ने प्रभावित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।
‘आम जनजीवन पर असर’
ऐसी घटनाएं न केवल सेना के मनोबल पर असर डालती हैं, बल्कि आम नागरिकों में भी हवाई सुरक्षा को लेकर डर पैदा करती हैं। विशेष रूप से जब देश किसी संघर्ष (जैसे यूक्रेन कॉन्फ्लिक्ट) के दौर से गुजर रहा हो, तो अपने ही सैन्य संसाधनों का इस तरह नुकसान होना एक बड़ा झटका होता है। इन हादसों में जान गंवाने वाले अनुभवी पायलटों और क्रू मेंबर्स की कमी को पूरा करना आसान नहीं होता।
‘जानें पूरा मामला’
9 दिसंबर की दोपहर रूस के इवानोवो में एक एन-22 मिलिट्री कार्गो प्लेन रूटीन फ्लाइट के लिए उड़ा और कुछ ही देर में क्रैश हो गया। विमान में 7 लोग सवार थे। शुरुआती जांच में तकनीकी खराबी और इंजन में आग लगने की बात सामने आ रही है। जांच आयोग मौके पर है और अगले दो दिनों में तस्वीर साफ होने की उम्मीद है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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हादसा: इवानोवो क्षेत्र में रूसी रक्षा मंत्रालय का एन-22 विमान क्रैश।
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समय: 9 दिसंबर, दोपहर करीब 1:00 बजे।
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कारण: प्रारंभिक जांच में इंजन में आग लगना मुख्य वजह बताई गई।
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इतिहास: एन-22 दुनिया का सबसे बड़ा टर्बोप्रॉप विमान है।
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जांच: स्पेशल मिलिट्री कमीशन 48 घंटे में रिपोर्ट सौं पेगा।






