इजराइल और हमारे लोगों की रक्षा के लिए जो भी जरूरी होगा वह करेंगे: डेनियल हगारी

0

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (The News Air): गत एक अक्टूबर को ईरान द्वारा इजराइल पर 200 के करीब बैलिस्टिक मिसाइल से हमला बोला था। तभी इजराइली सेना के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने ईरान को नतीजा भुगतने की धमकी दी थी। इसी के जवाब में इजराइल ने देर रात 2 बजकर 15 मिनट पर धावा बोल दिया। इजराइल ने ईरान की मिसाइल फैक्टरी और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। हमले सुबह करीब 5 बजे तक जारी रहे। इजराइल ने ईरान के हमलों का 25 दिन बाद करारा जवाब दिया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तेहरान के इमाम खुमैनी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास भी हमले हुए हैं। इजराइली सेना के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने हमलों की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि 1 अक्टूबर को ईरान द्वारा किए गए हमलों के जवाब में आज इजराइल ने जवाबी कार्रवाई की है।

इजराइल अपने देश व नागरिकों की सुरक्षा जो भी होगा वहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि करीब एक साल से मिडिल ईस्ट में उसके सहयोगी इजराइल पर हमले कर रहे है। हमें भी जवाब देने का अधिकार है। हमले के बाद इजराइल, ईरान और इराक ने अपने एयरस्पेस बंद कर दिए हैं। अमेरिका ने भी इजराइल के समर्थन में आ गया है। अमेरिका का कहना है कि यह ईरान के हमले का जवाब है। वहीं ईरान ने इजराइली हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि इजराइल ने कुछ जगहों पर हमले किए हैं जिससे नुकसान हुआ है।

हमले तेहरान, कुजेस्तान और ईलाम शहरों पर किए गए। वहीं अमेरिका ने इजराइल द्वारा ईरान पर किए गए हमलों में खुद का हाथ नहीं होने की बात कहीं है। अमेरिकी अधिकारी ने कह कि इजराइल अपनी आत्मरक्षा के जवाब में हमले कर रहा है। व्हाइट हाउस नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता ने कहा कि इन हमलों में अमेरिका का हाथ नहीं है।

ऑपरेशन का नाम ‘पछतावे के दिन’

आईडीएफ ने ईरान पर की गए हमलों को लेकर कहा कि इस ऑपरेशन को ‘पछतावे के दिन’ नाम दिया गया है। फाइटर जेट और स्पाई जेट की मदद से 1,600 किमी दूर हमला हुआ। ये हमले कई चरणों में हुए। हमले के बाद उनके विमान सुरक्षित वापस लौट आए। हमले ईरान के सैन्य ठिकाने, एयर डिफेंस साइट और बैलिस्टिक मिसाइल ठिकानों पर किए गए।

पीएम को भेजा सुरक्षित जगह

इजराइल ने ईरान पर हमला करने से पहले पीएम नेतन्याहू को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया। उसके बाद पीएमओ ने वॉर कैबिनेट को हमला करने की मंजूरी दी। हमला करने से पहले वोटिंग भी कराई गई थी। वोटिंग फोन कॉल पर हुई थी। वोटिंग के बाद ही हमले शुरू किए गए।

सिर्फ मिलिट्री ठिकाने को बनाया गया निशाना

इजराइल ने ईरान के सिर्फ मिलिट्री ठिकाने पर ही हमला किया है। इजराइल ने ईरान के परमाणु फैसिलिटी या फिर किसी तेल भंडार पर हमला नहीं किया है। ईजराइल का कहना है कि वह सिर्फ उन चीजों को निशाना बना रहे है जो इजराइल के लिए खतरा साबित हो रही है।

0 0 votes
Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments