Ethiopian Volcano Ash Cloud इथियोपिया में 10 हजार साल से शांत पड़े ज्वालामुखी में हुए विस्फोट ने न सिर्फ अफ्रीका बल्कि एशिया के कई देशों के लिए चिंता खड़ी कर दी है। 23 नवंबर को इथियोपिया के अफार क्षेत्र में हेलीगुपी ज्वालामुखी फटा, जिससे राख और धुएं का गुबार 14 किलोमीटर की ऊंचाई तक उठ गया। यह आफत का गुबार लाल सागर पार करते हुए भारत में भी दस्तक दे चुका है, जिससे दिल्ली-एनसीआर तक दृश्यता कम हो गई है।
भारत तक कैसे पहुंचा राख का गुबार
इथियोपिया के हेलीगुपी ज्वालामुखी से निकली राख दिल्ली-एनसीआर तक पहुंच चुकी है।
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इंडिया मेट स्काई वेदर के मुताबिक, राख का यह बादल पहले पश्चिम से गुजरात में घुसा।
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इसके बाद यह राजस्थान, उत्तर पश्चिमी महाराष्ट्र और हरियाणा से होते हुए दिल्ली-एनसीआर पहुंचा।
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अब इसके हिमालय और दूसरे उत्तरी इलाकों की ओर बढ़ने की संभावना है, और नेपाल होते हुए चीन तक पहुंचने की भी संभावना है।
फ्लाइट्स और विजिबिलिटी पर असर
राख के इन बादलों की वजह से फ्लाइट के संचालन पर असर पड़ा है। कई एयरलाइन ने फ्लाइट को रद्द कर दिया है और ज्यादातर देरी से चल रही हैं।
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राख के ये बादल जिन क्षेत्रों से गुजर रहे हैं, वहां का आसमान सामान्य से ज्यादा काला दिख रहा है।
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राख के कारण विजिबिलिटी कम हो गई है।
विस्फोट की भयावहता और चश्मदीदों का हाल
इथियोपिया में जिस जगह पर यह ज्वालामुखी फटा है, वहां अफतेरा गांव है। यह एक टूरिस्ट स्पॉट है और ज्वालामुखी के फटने के साथ ही पूरा गांव राख से ढक गया।
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तेज आवाज़: एक स्थानीय अहमद अब्दुदेला ने बताया कि ज्वालामुखी के फटने के बाद एक तेज आवाज आई जो एक शॉक वेव थी, ऐसा लगा जैसे किसी ने बम फेंक दिया हो।
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स्थानीय नुकसान: इस ज्वालामुखी विस्फोट में कोई हताहत नहीं हुआ है, लेकिन स्थानीय पशुपालकों के समुदाय पर आर्थिक असर पड़ा है। कई गांव राख से ढके हुए हैं और जानवरों के पास खाने के लिए न के बराबर कुछ बचा है, जिससे रोजी-रोटी का डर सता रहा है।
वैज्ञानिक पृष्ठभूमि
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टेक्टोनिक प्लेट्स: यह ज्वालामुखी जियोलॉजिकल एक्टिव रिफ्ट वैली में है, जहां दो टेक्टोनिक प्लेट्स मिलती हैं।
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रिकॉर्ड: मिशिगन टेक्नोलॉजीस यूनिवर्सिटी में ज्वालामुखी विशेषज्ञ ने ब्लू स्काई पर कंफर्म किया है कि हेलीगुपी में हेलोन विस्फोट का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
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विस्तार: राख लाल सागर से होते हुए यमन और ओमान तक गई और फिर भारत की ओर बढ़ने लगी।
मुख्य बातें (Key Points)
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इथियोपिया के हेलीगुपी ज्वालामुखी में 23 नवंबर को विस्फोट हुआ, जिसकी राख का गुबार 14 किलोमीटर ऊंचाई तक उठकर दिल्ली-एनसीआर तक पहुंच गया।
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राख के इन बादलों के कारण फ्लाइट के संचालन पर असर पड़ा है और कई उड़ानें रद्द या देरी से चल रही हैं।
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राख पहले गुजरात, राजस्थान और हरियाणा से होते हुए दिल्ली पहुंची, और अब इसके हिमालय और चीन तक पहुंचने की संभावना है।
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विस्फोट से शॉक वेव आई, जिससे लोग दहशत में आ गए और अफतेरा गांव पूरी तरह राख से ढक गया।






