MSP Law को लेकर किसान आंदोलन (Farmer Protest) और केंद्र सरकार के बीच चल रही बातचीत का 7वां दौर भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका। बुधवार को हुई यह बैठक सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चली, जिसमें किसान नेताओं के साथ केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan), पीयूष गोयल (Piyush Goyal) और प्रह्लाद जोशी (Pralhad Joshi) मौजूद थे।
बैठक खत्म होने के बाद जब किसान नेता शंभू (Shambhu) और खनौरी (Khanauri) बॉर्डर की ओर लौट रहे थे, तो हरियाणा पुलिस (Haryana Police) ने कई नेताओं को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए गए प्रमुख किसान नेताओं में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) (Samyukt Kisan Morcha – Non-Political) के जगजीत डल्लेवाल (Jagjit Dallewal) और किसान मजदूर मोर्चा (Kisan Mazdoor Morcha – KMM) के संयोजक सरवण पंधेर (Sarwan Pandher) शामिल हैं।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
सरवण पंधेर को मोहाली (Mohali) की एयरपोर्ट रोड से हिरासत में लिया गया, जबकि जगजीत डल्लेवाल जब एंबुलेंस से खनौरी बॉर्डर लौट रहे थे, तब पुलिस ने उन्हें संगरूर (Sangrur) में घेरकर गिरफ्तार कर लिया। खास बात यह है कि डल्लेवाल को एंबुलेंस समेत ही हिरासत में ले जाया गया।
इसके अलावा अन्य किसान नेताओं जैसे काका सिंह कोटड़ा (Kaka Singh Kotda), अभिमन्यु कोहाड़ (Abhimanyu Kohar), मनजीत राय (Manjeet Rai) और ओंकार सिंह (Omkar Singh) को भी पुलिस ने डिटेन कर लिया।
क्यों कर रहे हैं किसान आंदोलन?
किसान 13 फरवरी से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। उनकी मुख्य मांग MSP (Minimum Support Price) की गारंटी वाला कानून है।
- आंदोलनकारी किसानों का कहना है कि उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी चाहिए, ताकि फसलों के उचित दाम मिलें।
- किसान इससे पहले चार बार दिल्ली जाने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) पर रोक दिया।
- केंद्र सरकार के साथ बातचीत जारी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है।
क्या होगा आगे?
किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। सरकार की तरफ से भी कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया गया है, जिससे स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो सकती है। किसान संगठन अब अपनी अगली रणनीति तय करेंगे और इस मुद्दे को और मजबूती से उठाने की योजना बना रहे हैं।