फतेहपुर, उत्तर प्रदेश 28 दिसंबर (The News Air): उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के ऐलई गांव में दलित युवक शिवबरन पासवान के साथ मारपीट और सिर मुंडवाकर गांव में घुमाने का मामला सामने आया है। पीड़ित का आरोप है कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उसे धर्म परिवर्तन के आरोप में धमकाया और अपमानित किया। इस घटना का वीडियो वायरल हो गया है, जिसने इलाके में सनसनी फैला दी है।
घटना का विवरण : शिवबरन पासवान ने बताया कि वह गुरुवार को अपने बेटे के इलाज के लिए जा रहा था, तभी बजरंग दल के कार्यकर्ता रोहित दीक्षित और अन्य ने उसे घेर लिया। धर्म परिवर्तन का आरोप लगाते हुए गालियां दीं और जान से मारने की धमकी दी। शुक्रवार को जब शिवबरन उन्नाव से लौटा, तो कार्यकर्ताओं ने उसे पकड़ लिया।
पीड़ित के आरोप:
- पत्नी और बच्चों के साथ मारपीट की गई।
- सिर मुंडवाकर गांव में घुमाया गया।
- मंदिर ले जाकर जबरन माथा टेकने और पूजा-पाठ करने पर मजबूर किया गया।
- थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद भी पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी।
दूसरी ओर ‘घर वापसी’ का दावा : बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने इस मामले में अलग बयान दिया है।
- विहिप के जिलाध्यक्ष केके मिश्रा: उन्होंने मारपीट के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि शिवबरन पासवान ने स्वेच्छा से हिंदू धर्म में घर वापसी की है।
- बजरंग दल के जिला संयोजक राजू सोनकर: उन्होंने कहा कि घटना के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
पुलिस का पक्ष और जांच का हाल : फतेहपुर के एसपी धवल जायसवाल ने बताया कि शिवबरन पासवान ने मारपीट और जबरन गांव में घुमाने की शिकायत दी है। हालांकि, दूसरे पक्ष ने इसे घर वापसी का मामला बताया है।
- 2022 में शिवबरन पर धर्म परिवर्तन कराने का केस दर्ज हुआ था।
- वर्तमान मामले की जांच की जा रही है, और तथ्यों के आधार पर कार्रवाई होगी।
इलाके में माहौल और विवाद का असर : घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। दलित समुदाय के लोगों में आक्रोश है और न्याय की मांग की जा रही है। वहीं, हिंदू संगठनों ने इसे धर्म रक्षा से जोड़ते हुए समर्थन जताया है।
समाज में बढ़ती असहिष्णुता का उदाहरण : इस घटना ने फिर से देश में धर्म, जाति, और सामाजिक सहिष्णुता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
- कानून और व्यवस्था: पुलिस प्रशासन पर निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की जिम्मेदारी है।
- सामाजिक तनाव: ऐसी घटनाएं समाज में वैमनस्य बढ़ा सकती हैं, जिससे राजनीतिक और धार्मिक ध्रुवीकरण होता है।