नई दिल्ली (New Delhi), 17 जनवरी (The News Air): भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के व्यापार में तेजी देखी जा रही है, लेकिन क्रिप्टो इंडस्ट्री की टैक्स की स्थिति पर कई सवाल उठ रहे हैं। आने वाले बजट (Budget 2025) में क्रिप्टो से जुड़े निवेशकों और कंपनियों को राहत मिल सकती है। फाइनेंस मिनिस्टर Nirmala Sitharaman (निर्मला सीतारमण) से क्रिप्टो सेक्टर को टैक्स राहत (tax relief) की उम्मीद जताई जा रही है, क्योंकि क्रिप्टो इंडस्ट्री पर लागू 1 प्रतिशत TDS (Tax Deducted at Source) ने इनवेस्टर्स को विदेशी एक्सचेंज (foreign exchanges) की ओर मोड़ दिया है।
क्रिप्टो में TDS की वजह से बढ़ी समस्याएं : 2022 के बजट में भारत सरकार (Indian government) ने क्रिप्टो ट्रांजैक्शंस पर 1 प्रतिशत TDS (1% TDS on crypto transactions) लागू किया था। इसके कारण, क्रिप्टो से जुड़े निवेशकों को विदेशी एक्सचेंज (foreign exchanges) का रुख करना पड़ रहा है, जिससे सरकार के लिए इन ट्रांजैक्शंस की निगरानी करना मुश्किल हो रहा है। इस स्थिति को सुधारने के लिए क्रिप्टो फर्म्स (crypto firms) सरकार से TDS को घटाकर 0.01 प्रतिशत (reduce TDS to 0.01%) करने की मांग कर रही हैं।
निवेशकों की उम्मीदें: क्या मिल सकती है राहत? : क्रिप्टो से जुड़े इनवेस्टर्स और कंपनियों का मानना है कि यदि वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (Virtual Digital Assets – VDA) पर टैक्स रेट को घटाया जाता है (reduce tax rates on VDA), और लॉस को ऑफसेट करने की अनुमति (allow offsetting losses) दी जाती है, तो क्रिप्टो इंडस्ट्री में तेजी आ सकती है। इन प्रस्तावों के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन में पारदर्शिता और निवेशकों का विश्वास बढ़ सकता है।
क्रिप्टो और सरकार का सख्त रुख : भारत सरकार का रुख क्रिप्टोकरेंसी के बारे में काफी सख्त रहा है। होम मिनिस्टर Amit Shah (गृह मंत्री अमित शाह) ने हाल ही में कहा था कि ड्रग्स की तस्करी (drug trafficking) और ऑनलाइन मार्केटप्लेस (online marketplaces) पर नकेल कसने में क्रिप्टोकरेंसी एक चुनौती बन सकती है। इसके अलावा, RBI (RBI) ने भी क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ चेतावनी दी है, यह कहते हुए कि इससे वित्तीय स्थिरता (financial stability) को खतरा हो सकता है।