दुनिया में सबसे अधिक ट्रेड होने वाली 15 क्रिप्टोकरंसीज की परफॉर्मेंस को ट्रैक करने के लिए भारत में क्रिप्टो इंडेक्स IC15 लॉन्च किया गया है। इसे क्रिप्टोकरंसी ऐप CryptoWire ने पेश किया है। इसका उद्देश्य क्रिप्टोकरंसीज और ब्लॉकचेन इकोसिस्टम के बारे में जागरूकता बढ़ाना और इनवेस्टर्स को अधिक जानकारी उपलब्ध कराना है। क्रिप्टोकरंसीज को लेकर सख्त कानून बनने की आशंका के बावजूद देश में इस सेगमेंट में ट्रेड करने वालों की संख्या बढ़ रही है।
क्रिप्टो से जुड़ा डेटा उपलब्ध कराने वाले TickerPlant की स्पेशल बिजनेस यूनिट, CryptoWire ने बताया कि IC15 इंडेक्स की गवर्नेंस कमेटी में इस सेगमेंट से जुड़े एक्सपर्ट्स शामिल होंगे। प्रत्येक तिमाही में इंडेक्स को दोबारा बैलेंस किया जाएगा। CryptoWire के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO, Jigish Sonagara ने कहा, “हम संभावनाओं का मूल्यांकन करने वाले टूल्स को प्रस्तुत कर मार्केट का डिवेलपमेंट और रिस्क को कम करना चाहते हैं।”
इंडेक्स में शामिल होने के लिए एक क्रिप्टोकरंसी को समीक्षा की अवधि के दौरान ट्रेडिंग के दिनों में से कम से कम 90 प्रतिशत पर ट्रेड होने की जरूरत होगी। इसके अलावा यह समीक्षा से पिछले महीने में मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से टॉप 50 क्रिप्टोकरंसीज में होनी चाहिए। IC15 में इस वर्ष की शुरुआत में Bitcoin, Ethereum, Binance Coin और Solana टॉप चार क्रिप्टोकरंसी थी। इस इंडेक्स से देश में क्रिप्टो इनवेस्टर्स को जानकारी के साथ फैसले करने में मदद मिल सकती है।
Watcher Guru और BrokerChoose जैसी रिसर्च फर्मों की स्टडीज के अनुसार, दुनिया भर में सबसे अधिक क्रिप्टो इनवेस्टर्स भारत में हैं। इनकी संख्या लगभग 10 करोड़ है। देश में क्रिप्टो सेगमेंट को लेकर अभी तक कोई कानून मौजूद नहीं है। केंद्र सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान क्रिप्टो बिल पेश करने की योजना बनाई थी लेकिन इसे टाल दिया गया है। इस बिल को स्वीकृति के लिए कैबिनेट के पास भेजा गया है। बिल में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरंसीज पर देश में प्रतिबंध लगाने की जरूरत बताई गई है। इसके साथ ही इसमें कहा गया है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक सेंट्रलाइज्ड डिजिटल करंसी लाने पर काम कर रहा है। आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच जैसे कुछ संगठनों ने भी देश में क्रिप्टोकरंसीज पर रोक लगाने की मांग की है। इन संगठनों का कहना है कि क्रिप्टोकरंसीज से मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के मामले बढ़ सकते हैं।