Wedding Season का खुमार चढ़ते ही बाजार और बैंकों में अजीब संकट खड़ा हो गया है। शादी-ब्याह में नेग देने और खुशियों के जश्न में लुटाने के लिए छोटे नए नोटों की मांग इतनी बढ़ गई है कि वे बाजार से गायब हो चुके हैं। हालात ये हैं कि 10 रुपये के एक नए नोट की कीमत अब 14 रुपये तक पहुंच गई है।
बैंकों से नदारद हैं नए नोट
पीएनबी (PNB) और एसबीआई (SBI) की मुख्य शाखाओं समेत लगभग सभी बैंकों से 10, 20 और 50 रुपये के नए नोटों की गड्डियां गायब हो चुकी हैं। कुछ ब्रांचों में तो 100, 200 और 500 रुपये के नोटों की गड्डियां भी नहीं मिल रही हैं। इस संकट ने बैंकों के बाहर नोटबंदी जैसा माहौल बना दिया है, जहां लोग नए नोटों के लिए लंबी लाइनों में लगे दिख रहे हैं। राजधानी दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश और बिहार तक बैंकों के बाहर यही हाल है।
धड़ल्ले से हो रही कालाबाजारी
बाजार में नोटों की मांग बढ़ते ही कालाबाजारी करने वाले सक्रिय हो गए हैं। शादी के सीजन में छोटे नोटों पर महंगाई इस कदर बढ़ी है कि 10 रुपये का एक नोट 14 रुपये का हो गया है। दुकानदार 10 रुपये के नोट की एक गड्डी के लिए 1400 रुपये, 20 रुपये की गड्डी के लिए 2350 रुपये और 50 रुपये की गड्डी पर 300 रुपये तक एक्स्ट्रा वसूल रहे हैं।
यह सब तब हो रहा है जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का सख्त निर्देश है कि कोई भी मुद्रा उसके तय मूल्य से ज्यादा पर खरीदी या बेची नहीं जा सकती है।
दूल्हे की माला भी हुई महंगी
नए नोटों की कमी का असर सिर्फ नेग-शगुन तक सीमित नहीं है। दूल्हे को पहनाई जाने वाली नोटों की माला भी अब महंगी हो गई है। लोग मजबूरी में ज्यादा पैसे देकर नए नोट खरीद रहे हैं, ताकि अपनी शादी की रस्मों को पूरा कर सकें।
जिम्मेदार हैं खामोश
बाजार में धड़ल्ले से चल रही नोटों की इस कालाबाजारी पर जिम्मेदार आंखें मूंदे बैठे हैं। आरबीआई के सख्त निर्देशों के बावजूद कार्रवाई नहीं होने के कारण यह गोरखधंधा फल-फूल रहा है। आम आदमी इस महंगाई और कालाबाजारी के बीच पिसने को मजबूर है, जबकि जिम्मेदार खामोश तमाशाई बने हुए हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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छोटे नोटों की किल्लत: शादी के सीजन में 10, 20 और 50 के नए नोटों की भारी कमी।
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कालाबाजारी का खेल: 10 रुपये की गड्डी 1400 रुपये और 20 की गड्डी 2350 रुपये में बिक रही है।
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बैंकों में भीड़: नए नोटों के लिए बैंकों के बाहर नोटबंदी जैसा माहौल, लोग लाइनों में लगे हैं।
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जिम्मेदारों की अनदेखी: आरबीआई के सख्त निर्देशों के बावजूद धड़ल्ले से चल रही है नोटों की कालाबाजारी।






