कोरोना वायरस की चौथी लहर की टेंशन के बीच एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। शोधकर्ताओं के अनुसार, स्पेन की एक हेल्थ वर्कर महज 20 दिनों में 2 बार कोरोना वायरस से संक्रमित हो गई है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह संक्रमण होने के बीच का अब तक का सबसे कम अंतर है। रिपोर्ट के मुताबिक, महिला को पूरी तरह से वैक्सीन लगाया गया था। यहां तक कि उसने बूस्टर डोज भी लिया था।
जीनोम अनुक्रमण से पता चला है कि महिला पहली बार में डेल्टा स्ट्रेन और दूसरी बार ओमीक्रोन वेरिएंट से संक्रमित हुई थी। एक स्टडी के अनुसार, ओमीक्रोन वेरिएंट के दोबारा होने की आशंका डेल्टा वेरिएंट की तुलना में 5.4 गुना अधिक है। शोधकर्ता डॉ. जेम्मा रेसियो ने कहा कि जिन लोगों को कोरोना संक्रमण हुआ है, वे ये न सोचे कि दोबारा संक्रमित नहीं हो सकते हैं। भले ही उन्हें वैक्सीन की सभी डोज लगाई गई हो।
तेजी से फैल रहा है Omicron BA.2
बता दें कि ओमीक्रोन के सब-वेरिएंट BA.2 दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जनवरी से मार्च तक कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों से लिए गए 97 प्रतिशत सैंपल में कोरोना वायरस का ओमीक्रोन वेरिएंट (Omicron Variant) पाया गया है। मृतकों से लिए गए 578 सैंपल में से 560 में ओमीक्रोन वेरिएंट का पता चला है। जबकि शेष 18 (3 फीसदी) में कोविड के डेल्टा सहित अन्य पाए वेरिएंट पाए गए, जो पिछले साल अप्रैल और मई में संक्रमण की दूसरी लहर का तेजी से प्रसार करने के लिए जिम्मेदार रहे थे।
ओमीक्रोन वेरिएंट से संक्रमण की तीसरी लहर में कम संख्या में कोविड के मरीज अस्पतालों में भर्ती हुए और सरकारी आंकड़ों से प्रदर्शित होता है कि ज्यादातर मौतों के लिए वायरस प्राथमिक कारण नहीं था। दिल्ली में 17 जनवरी को अस्पतालों में कोविड मरीजों के 15,505 बिस्तरों में अधिकतम 2,784 (17.96 प्रतिशत) ही भरे हुए थे। वहीं, महामारी की दूसरी लहर के दौरान छह मई को 21,839 बिस्तरों में 20,117 (92 प्रतिशत) भरे हुए थे।