कोरोना के मामले एक बार फिर से कई देशों में बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वायरस में एक बार फिर से नया म्यूटेशन हुआ है जिससे एक नया वैरिएंट LB.1 सामने आया है। यूएस, यूके सहित कई देशों में इस नए वैरिएंट के कारण अस्पतालों में भीड़ बढ़ती हुई रिपोर्ट की गई है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) की रिपोर्ट के मुताबिक नया वैरिएंट कई मामलों में चुनौतीपूर्ण हो सकता है, ऐसी आशंका जताई जा रही है कि ये जल्द ही कोरोना के पिछले वैरिएंट KP.3 को भी पीछे छोड़ सकता है।
सीडीसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया, संयुक्त राज्य अमेरिका में कोरोना के नए मामलों में से करीब 17.5% के लिए इसी वैरिएंट को प्रमुख कारण माना जा रहा है। सीडीसी के प्रवक्ता डेविड डेगल ने एक बयान में कहा, हम कोरोना के सभी वैरिएंट्स पर लगातार नजर रखे हुए हैं। कुछ देशों से संक्रमण के मामलों के बढ़ने की खबरें हैं, कई मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने की भी जरूरत पड़ रही है। कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।
क्या कहती है सीडीसी की रिपोर्ट?
सीडीसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया, बहुत ही कम समय में ये वैरिएंट तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। हालांकि वर्तमान में ऐसे कोई सबूत नहीं है कि नया वैरिएंट अब तक के KP.3 वैरिएंट से ज्यादा संक्रामक है या फिर गंभीर बीमारियों का कारण तो नहीं बनता है?
नए वैरिएंट को लेकर प्रारंभिक जानकारियों के मुताबिक LB.1 की ज्यादातर प्रकृति KP.3 से मिलती-जुलती ही देखी जा रही है। हालांकि नए वैरिएंट में एक अतिरिक्त म्यूटेशन देखा गया है जो संभवत: इसकी संक्रामकता को और अधिक बढ़ाने वाला हो सकता है।
कितना खतरनाक हो सकता है LB.1 वैरिएंट?
सीडीसी प्रवक्ता डेविड बताते हैं, प्रारंभिक अध्ययनों के आधार पर हम ये बता सकते हैं कि नए वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में देखा गया अतिरिक्त म्यूटेशन इसे कुछ लोगों को अधिक आसानी से संक्रमित करने की क्षमता प्रदान करता है। यहां गौर करने वाली बात ये है कि नए वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में देखा गया परिवर्तन ओमिक्रॉन के JN.1 वैरिएंट के जैसा ही है। इससे पहले सामने आए वैरिएंट्स में भी एक-दो उत्परिवर्तन देखे जाते रहे हैं। ऐसे परिवर्तन संभवत: सभी नए वैरिएंट्स के साथ होते रहते हैं। ऐसे में LB.1 की प्रकृति या संक्रामकता में बहुत अधिक परिवर्तन होगा, इसकी आशंका कम ही है।
कैसे देखे जा रहे हैं इसके लक्षण?
सीडीसी ने कहा, फिलहाल ये स्पष्ट नहीं है कि LB.1 के अपने विशिष्ट लक्षण हैं या नहीं। हालांकि सरकारी एजेंसी ने अपनी वेबसाइट पर कोविड-19 के बुनियादी लक्षणों की जानकारी दी है। ये लक्षण वायरस के संपर्क में आने के दो से 14 दिनों के बीच दिखाई दे सकते हैं। ज्यादातर लोगों में बुखार या ठंड लगने, खांसी, सांस फूलने या सांस लेने में कठिनाई, थकान, मांसपेशियों या शरीर में दर्द, गले में खराश, मतली या उल्टी जैसी समस्याएं हो रही हैं।
विशेषज्ञों ने कहा, इन लक्षणों के अलावा कुछ लोगों में गंभीर समस्याएं जैसे छाती में लगातार दर्द या दबाव बने रहने, भ्रम, त्वचा या होंठों के रंग में बदलाव भी हो सकता है। अगर आपमें ऐसे लक्षण हैं तो इसपर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है।
बचाव के करें उपाय
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा, कोरोना का ये नया वैरिएंट भी वायरस में लगातार होते रहने वाले उत्परिवर्तन का ही हिस्सा है। सभी लोगों को संक्रमण से बचाव को लेकर लगातार सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है। कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर जैसे मास्क पहनना, हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखना, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपायों की मदद से संक्रमण के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है। प्रभावित हिस्सों में लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है।
स्रोत और संदर्भ
variant LB.1 is rising across the US
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