मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश), 22 सितंबर (The News Air)
अवैध धर्मांतरण मामले में यूपी एटीएस (ATS) ने मौलाना कलीम सिद्दीकी (maulana kaleem siddiqui) को गिरफ़्तार किया है। पुलिस ने उसको मुजफ्फरनगर के फुलत से हिरासत में लिया है। बता दें कि मौलाना पर अवैध तरीक़े से धर्मांतरण और विदेश से इसके लिए फंडिंग लेने का आरोप हैं।
कई संस्थाओं का डायरेक्टर है मौलाना-दरअसल, 62 साल का मौलाना कलीम सिद्दीकी ग्लोबल पीस सेंटर और जमीयत-ए-वलीउल्लाह का अध्यक्ष है। फुलत के मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया का डायरेक्टर भी है। उसकी पहचान इस्लामिक विद्वानों में होती है। लेकिन वह इनकी आड़ में अवैध धर्मांतरण का काम करता है।
मुफ्ती काज़ी और उमर गौतम से मौलाना के लिंक-बता दें कि मौलाना कलीम को एटीएस द्वारा भंडाफोड़ करने वाले भारत के सबसे बड़े धर्मांतरण सिंडिकेट के सिलसिले में गिरफ़्तार किया है। इससे पहले जून के महीन में मुफ्ती काज़ी और उमर गौतम की गिरफ़्तारी हो चुकी है। दोनों से कलीम सिद्दीकी के लिंक मिले हैं।
अवैध धर्मांतरण के कामों में लिप्त है मौलाना-इस मामले में जांच कर रहे यूपी एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि मौलाना कलीम सिद्दिकी अवैध धर्मांतरण के कार्य में लिप्त है और विभिन्न प्रकार की शौक्षणिक, सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं की आड़ में यह देशव्यापी स्तर पर किया जा रहा है, जिसके लिए विदेशों से भारी फंडिंग प्राप्त की जा रही है। एडीजी ने बताया कि जांच से पता चलता है कि मौलाना कलीम सिद्दीकी के ट्रस्ट को बहरीन से 1.5 करोड़ रुपए सहित विदेशी फंडिंग में 3 करोड़ रुपये मिले। इस मामले की जांच के लिए एटीएस की छह टीमों का गठन किया गया है।
‘ब्रिटिश संस्था से 57 करोड़ की फंडिंग’-एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि 20 जून को अवैध धर्मांतरण गिरोह संचालित करने वाले लोग गिरफ़्तार किए गए। उमर गौतम और इसके साथियों को ब्रिटिश आधारित संस्था से लगभग 57 करोड़ रुपये की फंडिंग की गई थी। जिसके ख़र्च का ब्योरा अभियुक्त नहीं दे पाए। इस मामले में 10 लोग गिरफ़्तार हुए थे जिसमें से 6 के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है, वहीं 4 के ख़िलाफ़ जांच चल रही है।
आप विधायक ने मौलाना की गिरफ़्तारी पर जताया विरोध-वहीं मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ़्तारी पर आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह ख़ान ने विरोध जताया है। साथ ही सोशल मीडिया पर लिखा है कि यह सब बीजेपी के आदेश पर हो रहा है। चुनाव जीतने के इरादे ही मौलाना को हिरासत में लिया गया है। मुसलमानों पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है। सेक्युलर पार्टियों की ख़ामोशी सत्ताधारी पार्टी भाजपा को और मज़बूत कर रही हैं।