The News Air- (चंडीगढ़) दिल्ली आंदोलन से लौटे किसान नेताओं के चुनाव लड़ने के फ़ैसले से पंजाब की राजनीति में खलबली मच गई है। राज्य की सत्ता संभाल रही कांग्रेस पार्टी ने क़रीब 24 घंटे की चुप्पी के बाद किसान नेताओं पर पहला बड़ा हमला किया है।
यूथ कांग्रेस के पंजाब प्रधान बरिंदर ढिल्लों ने कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) से गठजोड़ करना आंदोलन में शहीद हुए किसानों का अपमान है। उन्होंने कहा कि जो किसान लीडर राजनीतिक नेताओं को अपनी स्टेज पर नहीं चढ़ने देते थे, अरविंद केजरीवाल अब उनके नए बॉस हैं।
कथित किसान नेता अब किसानों को राजनीतिक हित के लिए बेचेंगे
बरिंदर ढिल्लों ने कहा कि आम आदमी पार्टी के चुनाव चिह्न पर लड़ना और गठजोड़ करना आंदोलन का फल सबसे बड़ी नीलामी देने वाले को बेचना है। उन्होंने कहा कि नेताओं ने अरविंद केजरीवाल को अपने किसान बेच दिए। उन्होंने कहा कि BJP हमें उद्योगपतियों को बेच रही थी। अब कथित किसान नेताओं से राजनीतिक नेता बने लोग किसान को अपने राजनीतिक हित के लिए बेचेंगे।
अकाली दल भी कर चुका हमला
अकाली दल किसान नेताओं के चुनाव लड़ने के ऐलान के वक़्त ही हमला कर चुका है। अकाली नेता विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि आंदोलन में अरबों रुपए का फ़ंड इकट्ठा हुआ। सिर्फ़ 6 करोड़ दिखाया गया है। उसमें से 5 करोड़ ख़र्च बता दिए गए। अब राजनीति में आने के बाद किसान नेताओं फ़ंड का हिसाब देना पड़ेगा।
भाजपा ने कहा- पहले ही कह रहे थे, राजनीति कर रहे
भाजपा नेता सुरजीत ज्याणी, हरजीत ग्रेवाल और अनिल सरीन ने कहा कि वह तो पहले से ही कह रहे थे कि आंदोलन की आड़ में राजनीति हो रही है। अब इन नेताओं की मंशा सबके सामने आ चुकी है।
राजनीतिक दलों में हड़कंप क्यों?
दिल्ली बॉर्डर पर केंद्र सरकार को क़ानून वापसी के लिए मजबूर करने वाले संगठनों में पंजाब के 32 संगठन थे। इनमें से 25 संगठन पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। इसके लिए उन्होंने संयुक्त समाज मोर्चा बना लिया है। इसका CM चेहरा बलबीर सिंह राजेवाल को बनाया गया है।
यह भी चर्चा है कि वह आम आदमी पार्टी से गठजोड़ करेंगे। चूंकि किसान पार्टी नहीं बना रहे तो संभव है कि वह AAP के चुनाव निशान झाड़ू पर चुनाव लड़ें। किसानों के चुनाव मैदान में आने से पारंपरिक पार्टियों को बड़ा नुक्सान होना तय है। इसी वजह से वे अब उन किसान नेताओं पर हमला करने लगे हैं, जिनकी अब तक वह तारीफ़ करते रहते थे।