The News Air: पंजाब में कांग्रेस के दिग्गज नेता सुनील जाखड़ पर कांग्रेस हाईकमान नरम पड़ गई है। जाखड़ को कांग्रेस सस्पेंड नहीं करेगी। हालांकि अब उन्हें पार्टी में 2 साल तक कोई पद नहीं मिलेगा। अभी वह जिन भी पदों पर हैं, उनसे उन्हें हटा दिया गया है। जाखड़ के ख़िलाफ़ कांग्रेस की अनुशासन समिति ने 2 साल के लिए सस्पेंड करने की सिफ़ारिश की थी। इसे अंतिम मंजूरी के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा गया था। सूत्रों की मानें तो इस कार्रवाई के लिए भी अनुशासन समिति के सभी सदस्य एकमत नहीं थे।
जाखड़ पर कार्रवाई पर विधायक भतीजे ने उठाए थे सवाल
सुनील जाखड़ पर कार्रवाई को लेकर अबोहर से विधायक संदीप जाखड़ ने सवाल उठाए थे। संदीप सुनील जाखड़ के भतीजे हैं। उन्होंने कहा था कि चुनाव के दौरान बयानबाज़ी पर जाखड़ को नोटिस हुआ। अगर ऐसा था तो फिर सिर्फ़ जाखड़ को ही नोटिस क्यों भेजा गया?। उस वक़्त कई नेताओं ने बयानबाज़ी की थी। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि धर्म विशेष (हिंदू) होने की वजह से जाखड़ को नोटिस भेज कार्रवाई की गई।
पहले विरोध करने वाले वेरका ने भी लिया यू-टर्न
जाखड़ के पैर की जूती को सिर पर न रखने के बयान को लेकर पहला विरोध अमृतसर से कांग्रेस नेता राजकुमार वेरका ने किया था। पूर्व मंत्री वेरका ने कहा था कि जाखड़ ने पूर्व सीएम चन्नी पर यह जातिगत प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने जाखड़ पर कार्रवाई की मांग की थी। हालांकि जब हाईकमान ने एक्शन लिया तो वेरका ने कहा कि चुनाव की हार के लिए अकेले जाखड़ ज़िम्मेदार नहीं हैं। उन्होंने अपने बयान पर सफ़ाई देते हुए वाराणसी में श्री गुरु रविदास जी की जन्मस्थली में माथा टेक सफ़ाई दे दी थी। इसलिए अब सस्पेंड करने जैसी कार्रवाई की ज़रूरत नहीं थी।