उन्होंने अडाणी समूह से जुड़े मामले का हवाला देते हुए सवाल किया, ‘‘हमारे देश का सबसे बड़ा घोटाला है जिससे प्रधानमंत्री खुद जुड़े हैं। प्रधानमंत्री के पसंदीदा उद्योगपति गौतम अडाणी के गैरकानूनी कारनामे रोज सामने आ रहे हैं। इसकी जांच क्यों नहीं होती?” रमेश का कहना था, ‘‘हम ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के माध्यम से जो परिवर्तन लाए हैं, वो बरकरार रहेगा।” उन्होंने कहा, ‘‘यह अमृतकाल नहीं, अघोषित आपातकाल है।” कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने दावा किया कि 2014 के बाद से ईडी छापे की जितनी कार्रवाई हुई है उनमें से 95 प्रतिशत कार्रवाई विपक्षी दलों एवं उनके नेताओं को निशाना बनाकर की गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के लिए ईडी का मतलब ‘एलिमिनेटिंग डेमोक्रेसी’ (लोकतंत्र खत्म करना) है। खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की सफलता से घबराए हुए हैं। उन्होंने सवाल किया, ‘‘प्रधानमंत्री जी, आप अपने परम मित्र पर जांच क्यों नहीं करवाते हैं? हिमंत विश्व शर्मा, बीएस येदियुरप्पा और कुछ अन्य नेताओं के खिलाफ जांच क्यों नहीं की गई?” खेड़ा ने कहा, ‘‘कई राज्यों में हमारी सरकारें हैं। 2024 आ रहा है, मौसम बदलता है।
ऐसे में हम कहना चाहते हैं कि हमारी शराफत को हमारा गहना मानो, हमारी कमजोरी मत मानो।” उल्लेखनीय है कि ईडी ने कोयला लेवी धनशोधन मामले में जारी जांच के तहत सोमवार को कांग्रेस नेताओं से जुड़े परिसरों सहित छत्तीसगढ़ में कई स्थानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यह छापेमारी राज्य की राजधानी रायपुर में 24-26 फरवरी तक कांग्रेस के तीन दिवसीय पूर्ण अधिवेशन से पहले हुई है। राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है। (एजेंसी)