Congress Maha Rally in Delhi: [दिल्ली का सियासी पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है।] देश की राजधानी के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, जहां राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में ‘वोट चोरी’ के खिलाफ एक निर्णायक लड़ाई का आगाज हो चुका है। इस महारैली के जरिए पार्टी ने सीधे तौर पर चुनावी प्रक्रिया और सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आज रामलीला मैदान में सिर्फ एक सभा नहीं, बल्कि कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ के नारे के साथ आयोजित इस रैली का मकसद देश भर में कथित वोट चोरी के मुद्दे को उजागर करना है। पार्टी का दावा है कि यह लड़ाई अब संसद से निकलकर सड़क पर जनता के बीच आ गई है।
‘वोट चोरी नहीं, यह तो डकैती है’
रैली को लेकर कांग्रेस नेताओं के तेवर बेहद आक्रामक हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कड़े शब्दों में कहा कि यह अब सिर्फ वोट चोरी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह ‘वोट डकैती’ बन चुकी है। उन्होंने हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावी नतीजों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि लोकतंत्र को कमजोर करने और जनता के फैसले को बदलने का एक बड़ा षड्यंत्र रचा जा रहा है। उनका कहना है कि अगर जनता का विश्वास लोकतंत्र से उठ गया, तो यह देश के लिए शुभ संकेत नहीं होगा।
दिल्ली में पैर रखने की जगह नहीं
महारैली के लिए दिल्ली में उमड़ी भीड़ ने व्यवस्थाओं की परीक्षा ले ली है। आलम यह है कि पूरी दिल्ली भरी हुई नजर आ रही है। न किसी होटल में जगह बची है और न ही किसी धर्मशाला में। यहां तक कि सांसदों के आवास पर भी लोग रुके हुए हैं। कांग्रेस का दावा है कि यह राहुल गांधी के नेतृत्व में लोकतंत्र बचाने का उत्साह है, जो लोगों को यहां खींच लाया है।
बूथ स्तर से लेकर शीर्ष नेतृत्व तक एकजुट
इस आयोजन को सफल बनाने के लिए कांग्रेस ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव के अनुसार, दिल्ली के हर बूथ से कार्यकर्ता इस रैली में हिस्सा ले रहे हैं। सुरक्षा और सुविधा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। बाहर से आने वाले कार्यकर्ताओं के ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था एक दिन पहले से ही सुनिश्चित कर ली गई थी, ताकि किसी को कोई परेशानी न हो।
जम्मू-कश्मीर से भी पहुंचे हजारों कार्यकर्ता
रैली की गूंज सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है, बल्कि दूर-दराज के राज्यों से भी कार्यकर्ता अपनी आवाज बुलंद करने पहुंचे हैं। जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला ने बताया कि उनके राज्य से करीब 1027 कार्यकर्ता विशेष रूप से इस रैली में शामिल होने आए हैं। उनका मकसद जन अधिकारों पर हो रहे कथित हमलों के खिलाफ लोकतंत्र की रक्षा के लिए आवाज उठाना है।
जानें पूरा मामला
हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों, विशेषकर हरियाणा और महाराष्ट्र के नतीजों के बाद कांग्रेस ने चुनावी प्रक्रिया और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम पर सवाल उठाए हैं। पार्टी का आरोप है कि जनादेश को तकनीकी हेरफेर या प्रशासनिक दुरुपयोग के जरिए बदला जा रहा है। इसी के विरोध में और ‘संविधान बचाओ’ की मुहिम के तहत कांग्रेस ने इस विशाल रैली का आयोजन किया है, जिसे वह एक देशव्यापी आंदोलन की शुरुआत मान रही है।
मुख्य बातें (Key Points)
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Ramila Maidan में कांग्रेस की विशाल ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ रैली का आयोजन।
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भूपेश बघेल ने चुनावी नतीजों को ‘वोट डकैती’ करार देते हुए लोकतंत्र पर खतरे की बात कही।
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दिल्ली के होटलों और धर्मशालाओं में जगह नहीं, देशभर से लाखों कार्यकर्ताओं का जमावड़ा।
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सुरक्षा और व्यवस्था के लिए कांग्रेस सेवा दल और वालंटियर्स की भारी तैनाती।






