The News Air- (चंडीगढ़) पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सत्ताधारी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। फगवाड़ा से तीन बार विधायक रहे जोगिंदर सिंह मान ने कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया है। वे कांग्रेस के कद्दावर नेता माने जाते रहे हैं और क़रीब 50 साल से पार्टी में विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे। जोगिंदर पार्टी का बड़े दलित चेहरे थे। अब देखना ये होगा कि क्या उन्हें पार्टी मनाती है या फिर वह किसी दूसरी पार्टी में अपनी किस्मत अजमाते हैं। वे 1985, 1992 और 2002 में फगवाड़ा से विधायक रहे हैं।
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जोगिंदर सिंह फगवाड़ा को ज़िला ना बनाए जाने और पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले में कार्रवाई ना किए जाने से नाराज़ थे और इसी वजह से उन्होंने कांग्रेस छोड़ने की बात कही है। ये भी कहा जा रहा है कि इस बार टिकट ना मिलने की संभावना से नाराज़ होकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी है। जोगिंदर सिंह पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री बूटा सिंह के भांजे हैं और बेअंत सिंह, रजिंदर कौर भट्ठल, हरचरन सिंह बराड़ एवं कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
सिद्धू की वजह से घोटाले करने वाले बच गए
जोगिंदर सिंह ने कहा है कि कांग्रेस लगातार जनमुद्दों की अवहेलना कर रही है। फगवाड़ा को लेकर कई बार मांग की गई। इसके बावज़ूद अभी तक ज़िला नहीं बनाया गया। डॉ. बीआर अंबेडकर पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले में कार्रवाई नहीं की गई। दलितों के बच्चों के हितों की रक्षा करने में सरकार फेल रही है। ये दलित समाज के साथ सरासर धोखा है। उन्होंने कहा कि वह चाहते थे कि उनकी मौत के बाद उनकी लाश कांग्रेस के झंडे में लिपटे, लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू जैसे नेताओं की तरफ़ से पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम के आरोपियों को पार्टी में पनाह दी गई, जिसके कारण उनका ज़मीर अब पार्टी में रहने की इजाज़त नहीं देता। इससे आहत होकर वह भरे मन से कांग्रेस को छोड़ रहे हैं।
यह भी हो सकता है कारण
जोगिंदर सिंह फगवाड़ा इलाक़े में अच्छा ख़ासा रसूख रखते हैं, लेकिन सिद्धू ने मौजूदा विधायक बलविंदर सिंह धालीवाल का समर्थन किया। इससे मान कई दिनों से नाराज़ थे। उन्होंने इसकी शिकायत वरिष्ठ नेताओं से भी की, लेकिन उन्हें टिकट का कोई भरोसा नहीं मिला। मान के आम आदमी पार्टी में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।