चंडीगढ़ 6 दिसंबर (The News Air) संयुक्त किसान मोर्चा की पंजाब इकाई ने संभू बॉर्डर और दिल्ली की ओर पैदल मार्च कर रहे किसानों पर आंसू गैस के इस्तेमाल और प्रतिबंधों की कड़ी निंदा की है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि पंजाब की संभू समेत हरियाणा से लगती बाकी सीमा को सील कर बीजेपी की केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार किसी तरह पंजाब के किसानों में अलगाव की दुर्भाग्यपूर्ण भावना पैदा कर रही है. किसानों के साथ दुश्मन देश के नागरिकों जैसा व्यवहार किया जा रहा है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र और हरियाणा सरकार से मांग की है कि शांतिपूर्वक पैदल मार्च कर रहे किसानों पर अत्याचार बंद किया जाए और एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत किसानों की लंबित मांगों को लागू किया जाए।
प्रेस को बयान जारी करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल, हरिंदर सिंह लाखोवाल, मंजीत सिंह धनेर, बलदेव सिंह निहालगढ़, हरमीत सिंह कादियान, रमिंदर सिंह पटियाला, जंगवीर सिंह चौहान, बूटा सिंह बुर्जगिल, डॉ. सतनाम सिंह अजनाला ,गुरमीत सिंह महिमा, बिंदर सिंह गोलेवाला, रुलदू सिंह मानसा, प्रेम सिंह भंगू, बौघ सिंह मानसा, बलजीत सिंह ग्रेवाल, फुरमान सिंह संधू, नछत्तर सिंह जैतो, वीर सिंह बरवा, मुकेश चंद्र, मलूक सिंह हिरके, हरबंस सिंह संघा, हरजिंदर सिंह टांडा, सुख गिल, हरदेव सिंह संधू, हरविंदर सिंह और बूटा सिंह शादीपुर ने कहा कि केंद्र में भाजपा सरकार मांगें मानने का लिखित वादा करने के बाद भी इनकार कर दिया गया. अब भी सरकार के मंत्री किसानों के हितों की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद कृषि क्षेत्र पर संकट दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि एमएसपी और खरीद की कानूनी गारंटी और किसानों की कर्ज मुक्ति इस संकट से निकलने के लिए तात्कालिक कदम हैं, जिसे उठाने में केंद्र सरकार विफल रही है।